Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

गायक बनना चाहते हैं तो कुंडली के ग्रह भी देख लीजिए

Advertiesment
हमें फॉलो करें Singing Career In Astrology
webdunia

पं. अशोक पँवार 'मयंक'

* कौन से ऐसे ग्रह होते हैं, जो गायन में सफलता दिलाते हैं... 
 
आज गायन के क्षेत्र में नई-नई प्रतिभाओं को अपना हुनर दिखाने का मौका मिल रहा है। यदि हम पहले से जान लें कि गायन के क्षेत्र में हमें कितनी सफलता मिलेगी तो इस क्षेत्र में बढ़ना आसान रहेगा।

आइए जानते हैं कि कौन से ऐसे ग्रह हैं, जो गायन के क्षेत्र में सफल बनाते हैं। हमारी जन्म कुंडली में किन-किन स्थानों का महत्व होता है जिससे उत्तम गायक बन सकते हैं।
 
किसी भी जातक की जन्म कुंडली में लग्न स्वयं का, द्वितीय भाव वाणी का व तृतीय भाव स्वर का होता है। साथ ही शुक्र का गायन के क्षेत्र में बड़ा योगदान होता है। शास्त्रीय गायन में सफलता के लिए गुरु, क्लासिकल गानों के लिए शुक्र, चन्द्र का शुभ भावों में होना सफलता के मार्ग को प्रशस्त करता है। 
द्वितीय भाव लग्न से दूसरे भाव को कहते हैं। यह वाणी का भाव होता है वहीं तृतीय भाव स्वर का। जब तक दोनों भाव दोषरहित न हों तो आवाज व स्वर मधुर नहीं निकलते। लग्न स्वयं को दर्शाता है। लग्न भाव भी दोषमुक्त होना चाहिए।
 
यदि आपकी जन्म लग्न वृषभ या तुला है तो लग्नेश शुक्र होगा और इसके साथ वृषभ लग्न में द्वितीय भाव का स्वामी बुध व तृतीय भाव का स्वामी चन्द्र होगा। अत: बुध शुभ व चन्द्र भी अशुभ ग्रहों के प्रभावों से दूर होना चाहिए। 
 
शुक्र की स्थिति भी वृषभ, तुला, मकर, कुंभ मीन में हो या लग्न को वृश्चिक राशि का होकर देखे तो सफलता निश्चित मिलती है। 
 
यदि चतुर्थ भाव में शुक्र हो तो उत्तम सफलता के योग देता है। जैसे वाणी जयराम, सुलक्षणा पंडित गायन के क्षेत्र में आईं लेकिन वे सुनिधि चौहान, श्रेया घोषाल, कविता कृष्णमूर्ति जैसी सफलता नहीं पा सकीं। 
 
तुला लग्न भी शुक्र प्रधान लग्न है व द्वितीय भाव मंगल की राशि वृश्चिक का व स्वर भाव तृतीय का स्वामी गुरु है और इन दोनों में मित्रता है। यदि इन भावों के स्वामी स्वराशि के हों या मित्र के हों या इन भावों को देखते हों व चतुर्थ भाव के स्वामी से संबंध हो तो सफलता भी उत्तम मिलती है।
 
मेष लग्न में मंगल, शुक्र व बुध का शुभ स्थिति में होना चाहिए। मिथुन लग्न में बुध, चन्द्र व सूर्य का शुभ होना चाहिए। कर्क लग्न में चन्द्र, सूर्य व बुध, सिंह लग्न में सूर्य, बुध व शुक्र, कन्या लग्न में बुध, शुक्र व मंगल, वृश्चिक लग्न में मंगल, गुरु व शनि, धनु लग्न में गुरु व शनि, मकर लग्न में शनि व गुरु, कुंभ लग्न में शनि, गुरु व मंगल, मीन लग्न में गुरु, मंगल व शुक्र का शुभ होना चाहिए तभी उत्तम सफलता मिलती है। 
 
और यदि इन्हीं में से किसी की महादशा में अंतर भी इन्हीं में से किसी का हो, तो सफलता में चार चांद लग जाते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मंगल से डरें नहीं यह श्रेष्ठ फल भी देता है...पढ़ें विश्लेषण