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कौन से ग्रह बनाते हैं फिल्मों में कलाकार, जानिए कुंडली से

क्या आपकी किस्मत में है बॉलीवुड का ग्लैमर, जानिए योग

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* बॉलीवुड में किस्मत आजमाने से पहले जानें अपनी कुंडली

- आचार्य डॉ. संजय

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कई बार जातक किसी एक ही दिशा में अपना भविष्य संवारने के लिए अत्यधिक प्रयत्न करते हैं लेकिन असफल रहते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि वे अपनी जन्मकुंडली में स्थित योग-संयोग के बारे में नहीं जानते हैं।

आइए जानें, जातक की जन्मकुंडली में ऐसे कौन से योग होते हैं, जिनके आधार पर जातक मनोरंजन के क्षेत्र में सफल होता है।

जन्मकुंडली का हर भाव महत्वपूर्ण होता है। सभी की अपनी विशेषता होती है। ज्योतिष शास्त्र में जन्मकुंडली के दशम भाव से व्यवसाय/आजीविका का आंकलन किया जाता है।

कुंडली के योग से जानें क्या आप बनेंगे कलाकार...



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दशम भाव के स्वामी ग्रह, इसमें स्थित अन्य ग्रह और इससे संबंध बनाने वाले ग्रह मिलकर तय करते हैं कि जातक किस व्यवसाय को अपनी आजीविका के रूप में चुनेगा या उसमें सफल रहेगा। इस समय बहुत से जातक फिल्म और टीवी चैनल में कार्य करना चाहते हैं।

कई जातक अभिनय की दुनिया में भी भाग्य आजमाने के लिए प्रयास रहते हैं, लेकिन इसके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि इस व्यवसाय में उनकी जन्मकुंडली क्या कहती है।

कोई भी फिल्म अथवा टीवी पर काम करने वाले कलाकार के लिए लग्न व लग्नेश अत्यधिक बली होना चाहिए, क्योंकि जब यह दोनों बली होंगे तभी व्यक्ति दूसरों पर अपना प्रभाव छोड़ने में सक्षम होगा। यह संयोग जितना बलवान होगा, उतना ही जातक की कला और अभिनय को लंबे समय तक प्रशंसा मिलती है। लग्न-लग्नेश के बली होने पर जातक लोगों पर अपनी अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहता है, इसलिए अभिनय के क्षेत्र में काम करने वालों का यही सबसे बड़ा गुण माना गया है।

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इसके अलावा जन्मकुंडली के पांचवें भाव का आंकलन मनोरंजन के लिए किया जाता है अर्थात् फिल्म कलाकारों की जन्मकुंडली में पंचम का संबंध दशम से जरूर होना चाहिए। फिल्म इंडस्ट्री हो या नाट्य कला से संबधित क्षेत्र हो, कुंडली का पंचम भाव तथा पंचमेश यदि बलवान होकर दशम भाव व दशमेश से संबध बना रहा है तब जातक विशेष अभिनय के क्षेत्र से अपनी आजीविका अर्जित करता है।

जन्मकुंडली के पंचम भाव को मनोरंजन का भाव भी कहा जाता है। सिनेमा या अभिनय कला भी लोगों के मनोरंजन का जरिया है, इसलिए पंचम भाव मनोरंजन व दशम भाव आजीविका का भाव कहलाता है।

जन्मकुंडली के तीसरे भाव से जातक के सभी प्रकार के शौक देखे जाते हैं। कला से संबंधित कोई भी क्षेत्र हो, उन सभी को इसी भाव से देखा जाता है। यदि इस भाव पर शुभ ग्रहों का प्रभाव ज्यादा होता है, तब जातक का कला से संबंध अवश्य होता है।

ग्रहों की प्रकृति से जातक के शौक निर्धारित किए जा सकते हैं। तीसरे भाव से जातक में कला, रचनात्मकता तथा सृजनात्मकता का गुण आता है। तीसरे भाव का संबध पंचम भाव या पंचमेश व शुक्र से बनता है, तब जातक अभिनय के क्षेत्र में अच्छा नाम कमाता है और उत्तम कोटि का अभिनय करता है।

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यदि जातक की जन्मकुंडली में लग्न या लग्नेश से तीसरे भाव का संबध बनता है तब इसे काफी अच्छा समझा जाता है, क्योंकि तीसरे भाव से मीडिया तथा संचार के साधनों का भी विश्लेषण किया जाता है और इन्हीं साधनों के माध्यम से व्यक्ति लोकप्रियता हासिल करता है।

बली लग्न-लग्नेश, बली पंचम-पंचमेश, बली तृतीय भाव व तृतीयेश तथा बली दशम भाव व दशमेश का आपस में जितना शुभ संबंध बनेगा, जातक उतना ही अच्छा कलाकार बनेगा। इन सभी भावों का जितना कमजोर संबंध होगा व्यक्ति की अभिनय क्षमता भी उसी प्रकार से होगी।


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