लग्न का बुध जातक को वाक् पटु व वाचाल बनाता है। लग्न में बुध होने पर ये जातक वाणी के धनी होते हैं। इनका 'सेंस ऑफ ह्यूमर' अच्छा होता है। ये व्यक्ति ज्ञान पिपासु होते हैं, बुद्धिमान होते हैं, मगर जल्दबाज व अधीर होते हैं। लेखन में इनकी विशेष रुचि होती है। व्यापार बुद्धि भी इनमें होती है। स्त्री राशि का बुध शिक्षा के अच्छे अवसर उपलब्ध कराता है मगर पुरुष राशि का बुध होने पर शिक्षा जल्दी समाप्त हो जाती है।
वृषभ, कन्या व मकर राशि का बुध जातक को बड़ा व्यापारी बनाता है या बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाता है। कर्क, वृश्चिक और मीन का बुध प्रूफरीडर, समालोचक बनाता है। मेष या सिंह में बुध हो तो जातक समालोचक या मिमिक्री आर्टिस्ट बन जाता है।
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धनु राशि का बुध निर्भीक, सत्यप्रिय व मर्मभेदी लेखन करने वाला बनाता है। मिथुन का बुध होने पर जातक व्यर्थ बातों में समय गँवाता है। तुला का बुध कला व साहित्य में श्रेष्ठ अभिरुचि देता है। कुंभ राशि व वृश्चिक राशि में बुध स्पष्टवादी व तीखी भाषा का उपयोग करने वाला बना देता है।
लग्नस्थ बुध पर यदि पाप प्रभाव हो, बुध अस्त हो या शत्रु क्षेत्री हो तो शुभ प्रभाव क्षीण होते हैं, जिला या वाणी दोष उत्पन्न होते हैं, भाग्य व बुद्धि क्षीण हो जाती है। बुध को मजबूत करने के लिए हरी वस्तु का प्रयोग, गणेश पूजन व पन्ना रत्न धारण करना अच्छा रहता है।