रोहित श्रीवास्तव
भारत के सबसे अति उत्साहित, ऊर्जावर्धक एवं तेजस्वी प्रतिभाशाली पत्रकार, मुख्य जांच अधिकारी,वकील और न्यायाधीश अरुणब घोस्वामी का देश प्रेम और उनका अद्वितीय साहस और पराक्रम उनको बॉर्डर पर जाने से रोक नहीं पाया और वो एलओसी पर जा पहुंचे। घोस्वामी के इस साहसिक कदम ने पाकिस्तान सेना को लगातार धूल चटा रही भारतीय सेना के जज्बे मे मानो एक नई जान फूंक दी। उनके जाने से सेना के जवानो मे एक नई ऊर्जा का संचार हो गया था।
उधर दूसरी तरफ पाकिस्तान के खेमे में इस खबर से अफरा-तफरी सी मच गई थी। प्रशासनिक स्तर से लेकर सेना के निचले स्तर तक हर एक पाकिस्तानी अरुणब से खौफजदा नजर आ रहा था। यहां तक कि आनन-फानन में पाकिस्तान ने अपनी सारी मिसाइलों को तैयार रहने को कह दिया था। शायद पाकिस्तानियों को घोस्वामी बाबा कितने घातक हो सकते थे उसका अंदाजा उन्हे पहले से ही पूर्वानुमानित था। इससे पहले भी अरुणब ने अपने 'फ्यूज़् ऑवर' न्यूज़ प्रोग्राम में पाकिस्तान पेनलिस्ट के छक्के छुड़ाए हुए थे।
इसी बीच पाकिस्तान की ओर से फायरिंग की खबर आ रही थी। घोस्वामी बाबा ने बार्डर पर स्वयं ही 'खुद' को सेनापति घोषित करके भारतीय सेना की बागडोर हाथ में ले ली थी। 'नेशन वंट्स टु नो' के जयकारों के साथ जवानों ने आगे बढ़ना शुरू कर दिया था जिसका आक्रामकता के साथ नेतृत्व कर रहे थे बाबा अरुणब घोस्वामी। ‘नेशन वंट्स टू नो’ ने पाकिस्तान सेना मे हड़कंप मचा दिया था सभी पाकिस्तानी सैनिक कुत्ते की तरह पागल होके इधर से उधर भाग रहे थे। शायद उनके कान का ‘फ्यूज’ उड़ गया था। अकेले दम पर अरुणब ने हजारों पाकिस्तानियों को मिनटों मे ‘बेहरे’ के साथ दिमाग से पैदल बना दिया था। उनका अचूक वाणी-शस्त्र ‘नेशन वंट्स टु नो’ बड़ा कारगर साबित हो रहा था। पाकिस्तान सैनिकों को तभी राहत मिल पा रही थी जब वो ‘एक सेकंड’ या ‘एक मिनट’ लेते थे। घोस्वामी जी को बिना हथियार बॉर्डर पर भेजना भारत सरकार की कूटनीतिक चाल के का हिस्सा हो सकता है । भारत वैश्विक मंच को यह संदेश देना चाहता है की वो बिलकुल भी ‘अस्त्र-शस्त्र-हथियार’ में विश्वास नहीं रखता है। इसी उद्देश्य से घोस्वामी बाबा को बॉर्डर पर बातचीत के जरिये जंग लड़ने के लिए भेजा गया था। विश्वास मानिए बंदुक की गोली मे जो दम नहीं है वो अरुणब बाबा की ‘अजब-गजब’ आवाज़ में है। जिनकी आवाज़ से समस्त संसार क्या सम्पूर्ण ब्रह्मांड कांप उठता है उसके सामने ‘पाकिस्तान’ क्या चीज़ है।
उनका 'इंडिया वंट्स टू नो' कहते ही बॉर्डर पर खड़े दुश्मन या तो 'परलोक' सिधार गए या फिर कान मे 'तेल' डालने के लिए इधर-उधर 'जय हिन्द...जय हिन्द' कहते नाच रहे थे। कई पाकिस्तानियों ने तो अरुणब के सामने समर्पण तक कर दिया। इस असीम हृदय-परिवर्तन को देख कर घोस्वामी बाबा आनंद के कारण मन्मोंचित हो गए और उनका मन ‘अमन की आशा’ की ओर पुनः अग्रसित हो गया।
भारतीय जवान घोस्वामी बाबा की जय-जयकार लगाते और कहते हे ‘फ्यूजआवर’ के दाता। ‘टाइम्स नाउ’ के विधाता। सर्वज्ञानी, सर्वबलशाली जिसके सामने न टिक पाये कोई ‘खली’।
भारत का ब्रह्मास्त्र आप ही हो....अग्नि मिसाइल... मिग फाइटर विमान आपके सामने प्रभु पानी भरते हैं।