‘सबसे बड़ी पार्टी’...जी कयास नहीं लगाएं कि कौन सबसे बड़ी है, क्योंकि यह खुद ही पार्टी का नाम है और इस तरह की छोटी-बड़ी तकरीबन 2300 राजनीतिक पार्टियां चुनाव आयोग में पंजीकृत हैं। भारत चुनाव आयोग में राजनीतिक दलों के नवीनतम डेटा के अनुसार देश में कुल 2293 राजनीतिक दल हैं। चुनाव आयोग में पंजीकृत इन पार्टियों में से सात ‘मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय’ और 59 ‘मान्यता प्राप्त राज्य’ पार्टियां हैं।
आमतौर पर चुनाव आने से पहले दलों के पंजीकरण का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव से पहले ढेर सारे राजनीतिक दलों ने पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया।
अकेले फरवरी और मार्च के बीच 149 राजनीतिक दलों ने आयोग में अपना पंजीकरण करवाया। राजनीतिक दलों के पंजीकरण का यह सिलसिला लोकसभा चुनावों की घोषणा के एक दिन पहले, 9 मार्च तक चला।
पिछले साल नवंबर-दिसंबर के दौरान मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों से पहले 58 राजनीतिक पार्टियों ने अपना पंजीकरण कराया था।
हाल-फिलहाल आयोग में पंजीकरण करने वाली राजनीतिक पार्टियों में ‘भरोसा पार्टी’, ‘राष्ट्रीय साफ नीति पार्टी’ और ‘सबसे बड़ी पार्टी’ सरीखे राजनीतिक दल शामिल हैं। बिहार के सीतामढ़ी से ‘बहुजन आजाद पार्टी’, उत्तर प्रदेश के कानपुर से ‘सामूहिक एकता पार्टी’ और तमिलनाडु के कोयम्बटूर से ‘न्यू जेनरेशन पीपुल्स पार्टी’ ने अपना पंजीकरण कराया है।
बहरहाल, ये पंजीकृत, लेकिन गैर-मान्यताप्राप्त राजनीतिक पार्टियां हैं। उनका अपना कोई नियत विशिष्ट चुनाव चिह्न नहीं होता है जिस पर ये चुनाव लड़ सकें। उन्हें चुनाव आयोग से जारी ‘मुक्त चुनाव चिह्नों’ में से चुनना होगा। आयोग के नवीनतम सर्कुलर के अनुसार ऐसे 84 चुनाव चिह्न हैं। एक बात और, इन पार्टियों के उम्मीदवारों को हर चुनाव क्षेत्र में अलग-अलग चुनाव चिह्नों पर भी लड़ना पड़ सकता है। (भाषा)