भोपाल। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए कोई खुशखबरी नहीं ला पाए। सूबे में कांग्रेस 80 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 2 सीटों पर ही सिमट गई है। इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में जीत हासिल करने के अपना सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड चलते हुए प्रियंका गांधी को चुनाव मैदान में उतार दिया था। प्रियंका गांधी को पार्टी महासचिव बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की 42 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी थी। कांग्रेस इन 42 सीटों में से सिर्फ अपनी परंपरागत सीट अमेठी और रायबरेली जीतने में सफल हो पाई है।
प्रियंका की सभाओं और रोड शो का असर नहीं – प्रियकां गांधी ने उत्तर प्रदेश में 50 से अधिक लोकसभा सीटों पर इतनी ही सभाएं और रोड शो किया था। प्रियंका के रोड शो में भीड़ तो खूब उमड़ी लेकिन चुनावी नतीजे बताते है कि ये भीड़ वोट नहीं बदल पाई। प्रियंका ने जिस बार फैजाबाद सीट पर रोड शो किया वहां पार्टी उम्मीदवार निर्मल खत्री की बुरी तरह हार हुई है। इसके साथ ही प्रियंका ने बनारस में पार्टी उम्मीदवार अजय राय के लिए रोड शो किया जिनकी चुनाव नतीजों में जमानत जब्त हो गई है। इसके साथ प्रियंका ने बाराबंकी, बहराइच, गजियाबाद फतेहपुर सीकरी,कुशीनगर सीट पर भी रोड शो किया था इन सभी सीटों पर पार्टी उम्मीदवार बुरी तरह चुनाव हार गए हैं।
प्रियंका का पैराशूट फार्मूला भी हुआ फेल – लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फरवरी में कांग्रेस में प्रियंका की एंट्री के बाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने जीत के हर उस फार्मूला को अपनाया जिससे उसे जीत की राह मिल सके लेकिन चुनावी नतीजे बताते है कि प्रियंका का हर फार्मूला फेल हो गया। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने सूबे में भाजपा, बसपा और सपा के असंतुष्ट नेताओं के लिए अपने घर के दरवाजे खोल दिए। कांग्रेस ने न केवल ऐसे नेताओं का पार्टी में फूल मालाओं से स्वागत किया साथ उनकी मनचाही सीट से टिकट भी गिफ्ट के रुप में दिया। अब चुनावी नतीजों ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस में आए ऐसे सभी पैराशूट उम्मीदवार बुरी तरह चुनाव हार गए।