Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

लोकसभा चुनाव 2019 : मोदी की लोकप्रियता नागौर में ज्योति मिर्धा के लिए कड़ी चुनौती, हनुमान बेनीवाल से होगी टक्कर

हमें फॉलो करें लोकसभा चुनाव 2019 : मोदी की लोकप्रियता नागौर में ज्योति मिर्धा के लिए कड़ी चुनौती, हनुमान बेनीवाल से होगी टक्कर
, शुक्रवार, 3 मई 2019 (19:25 IST)
नागौर। राजस्थान में कांग्रेस का गढ़ रही नागौर संसदीय सीट पर इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता पिछले करीब 50 वर्ष से चुनाव लड़ते आ रहे मिर्धा परिवार की सदस्य एवं कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के लिए फिर से अपना वर्चस्व कायम करने में कड़ी चुनौती बनती दिख रही है।
 
पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 25 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी ने इस बार मौजूदा सांसद सीआर चौधरी का टिकट काटकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का उम्मीदवार बनाने से ज्योति मिर्धा के सामने कड़ी चुनौती नजर आने लगी है।
 
पिछले दिनों सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश में बने माहौल के मद्देनजर युवाओं में काफी जोश दिख रहा है और मोदी की लोकप्रियता का फायदा राजग प्रत्याशी बेनीवाल को मिल सकता है। क्षेत्र के युवाओं के साथ अन्य मतदाता भी यही कहते नजर आ रहे है कि देश में मोदी जैसा दूसरा नेता उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है, वहीं नागौर में केवल हनुमान नजर आ रहा है। गुरुवार को बेनीवाल के समर्थन में चुनावी सभा करने आए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम का दूत बनकर हनुमान संसद पहुंचेंगे।
 
मुख्य चुनावी मुकाबले में दोनों प्रत्याशी एक ही जाति के होने से जाट मतदाताओं का ध्रुवीकरण होगा लेकिन सभी वर्ग के युवा मतदाताओं का कहना है कि उन्हें जात-पांत से कोई लेना देना नहीं हैं और वे इस बार केवल मोदी को वोट कर रहे हैं।
 
इस बार राजपूत मतदाता ज्यादा निर्णायक भूमिका में हो सकते हैं। भाजपा के परंपरागत मतदाता माने जाने वाले इन मतदाताओं का लाभ राजग उम्मीदवार को मिल सकता है। इसका एक बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है कि जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के सामने केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के पक्ष में बेनीवाल ने अपने जाति के मतदाताओं सहित युवाओं से वोट करने का आह्वान किया था।
 
उधर कांग्रेस प्रत्याशी मुसलमान एवं अनुसूचित जाति के मतदाताओं के अलावा जाट एवं राजपूत तथा मूल ओबीसी मतदाताओं के बड़ी संख्या में उनकी पक्ष में आने का दावा कर अपनी जीत बता रही है, लेकिन लोगों में राष्ट्रवाद का मुद्दा ज्यादा हावी नजर आ रहा है।
 
दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता अब तक नागौर का चुनावी दौरा कम ही किया है और मतदान के अब 2-3 दिन शेष बचे हैं। हालांकि बेनीवाल के पक्ष में भाजपा के कई नेता प्रचार कर रहे हैं, वहीं ज्योति के समर्थन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्दर सिंह हुड्डा, राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कई नेता चुनाव प्रचार कर चुके हैं और कई नेता कर रहे हैं।
 
बेनीवाल ने गत विधानसभा चुनाव से पहले बाड़मेर, नागौर, जयपुर सहित 5 जिलों में बड़ी रैली कर सभी लोगों का ध्यान आकर्षित किया और अपनी पार्टी रालोपा का गठन कर विधानसभा चुनाव में 3 सीटें जीतीं तथा कई सीटों पर चुनाव परिणाम प्रभावित किया। वे युवाओं में अपनी गहरी छाप छोड़ चुके हैं।
 
बेनीवाल 1 बार भाजपा एवं 1 बार निर्दलीय तथा पिछली बार रालोपा से विधायक चुने गए जबकि ज्योति मिर्धा 3री बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। वर्ष 2009 में सांसद चुनी गईं। पिछले चुनाव में भाजपा के सीआर चौधरी से चुनाव हारा। पिछले चुनाव में बेनीवाल निर्दलीय प्रत्याशी थे और उन्होंने करीब 1 लाख 60 हजार मत बटोरे।
 
नागौर सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है और ज्यादात्तर चुनाव मिर्धा परिवार ने ही जीते हैं। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा ने सर्वाधिक 6 तथा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रामनिवास मिर्धा एवं नाथूराम मिर्धा के पुत्र भानु प्रकाश मिर्धा एवं पोती ज्योति मिर्धा ने 1-1 बार चुनाव जीता। इस बार चुनाव में देखना यह है कि मिर्धा परिवार फिर से अपनी चुनावी प्रतिष्ठा हासिल कर पाता है या नहीं?
 
नागौर में अब तक हुए लोकसभा चुनावों में 11 बार कांग्रेस ने बाजी मारी है जबकि भाजपा ने 3 बार इस सीट पर अपना कब्जा जमाया। जनता दल, स्वतंत्र पार्टी एवं निर्दलीय ने 1-1 बार जीत हासिल की। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत टी 20 टीम रैंकिंग में 5वें स्थान पर खिसका, पाकिस्तान शीर्ष पर