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नेहरू के समय कुंभ मेले की भगदड़ में मारे गए थे हजारों लोग, इज्जत की खातिर दबा दी गईं खबरें : मोदी

हमें फॉलो करें नेहरू के समय कुंभ मेले की भगदड़ में मारे गए थे हजारों लोग, इज्जत की खातिर दबा दी गईं खबरें : मोदी
, बुधवार, 1 मई 2019 (22:24 IST)
कौशाम्बी (उप्र)। पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को एक बार फिर चुनावी राजनीति में घसीटते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उस समय कुंभ मेला इतना बड़ा नहीं होता था। नेहरू भी उसमें गए थे और उसमें भगदड़ मच गई थी। हजारों लोग कुचल के मारे गए थे, लेकिन सरकार की इज्जत बचाने के लिए और पंडित नेहरू पर कोई दाग न लग जाए, इसके लिए खबरें दबा दी गईं। वे 1954 में कुंभ के दौरान मची भगदड़ का जिक्र कर रहे थे। उस समय नेहरू प्रधानमंत्री थे।
 
उन्होंने कहा कि इस बार कुंभ में करोड़ों लोग आए, प्रधानमंत्री खुद भी आए लेकिन कोई भगदड़ नहीं हुई, कोई नहीं मरा। व्यवस्थाएं कैसे बदलती हैं उसका यह उदाहरण है। उन्होंने कहा कि उस समय दूसरी पार्टियों का तो नामोनिशान भी नहीं था। केंद्र और राज्य में कांग्रेस की सरकार थीं, लेकिन तब भी खबरें दबा दी गईं।
 
उन परिवारों ने जिन्होंने अपना सब कुछ खोया था, उन्हें एक रुपया तक नहीं दिया गया। केवल भगदड़ ही नहीं, भगदड़ के बाद जो कुछ हुआ वह भारी असंवेदनशीलता थी, जुल्म था।
 
मोदी ने कहा कि मुझे पहले भी कुंभ में अनेक बार आने का मौका मिला। जब सरकार बदलती और नीयत बदलती है तब कैसा परिणाम आता है, यह प्रयागराज ने इस बार दिखा दिया है। पहले कुंभ होता था तो अखाड़ों के बीच जमीन को लेकर विवाद की, मेले में भ्रष्टाचार की बातें सामने आती थीं। इस बार मेला हुआ, शान से माथा ऊंचा हो गया। एक आरोप नहीं लगा।
 
मोदी ने कहा कि कुंभ में जिन लोगों ने सफाई की उनके लिए मेरे मन में बहुत सम्मान रहा। उन लोगों ने कुंभ में सफाई के प्रति लोगों की सोच बदल दी। इन सफाई करने वाले भाइयों-बहनों के पैर धोकर मुझे जो पुण्य मिला है, वह मेरी सबसे बड़ी पूंजी है। जब सरकार बदलती है, नीयत बदलती है तब कैसा परिणाम आता है। वो प्रयागराज के कुंभ मेले ने इस बार दिखा दिया।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री पद की दौड़ में ये जितने चेहरे हैं, इनमें से कौन है जो आतंकवाद को खत्म कर सकता है। ये सपा वाले कर सकते हैं? बसपा वाले कर सकते हैं? कांग्रेस वालों ने तो पहले ही नहीं किया तो अब क्या करेंगे।
 
कौशाम्बी में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा करते हुए बुधवार को मोदी ने कहा कि जितने चेहरे दिखते हैं, उनमें से कोई चेहरा है प्रधानमंत्री बनने लायक। जो 8 सीटों पर लड़ते हैं, वे भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, जो 20 सीटों पर लड़ रहे हैं वे भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। जो 40 सीट लड़ रहे हैं वे भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। 
 
इनको मालूम है क्या कि विपक्ष का नेता बनने के लिए भी 50 से ज्यादा सीटों की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि मुझे बताइए कि जितने लोग प्रधानमंत्री बनने के लिए खड़े हैं, आप क्या उन पर भरोसा कर सकते हैं, जो सपा वाले गांव के गुंडे को नहीं मार सकते वे आतंकवादियों को ठीक कर सकते हैं क्या? वे बसपा वाले गांव के गुंडों को समाप्त नहीं कर सकते वे आतंकवादियों को मार सकते हैं क्या?
 
आज भी दुनिया में आतंकवाद का खतरा है कि नहीं है? पहले बार-बार बम धमाके होते थे, अयोध्या में, काशी में हुआ था, मुंबई में, रामपुर में हुआ था। पांच साल हो गए, ये धमाके बंद क्यों हो गए? क्या कारण है? ये धमाके मोदी के कारण बंद नहीं हुए हैं, धमाके बंद होने का कारण आपका एक वोट है, यह आपके वोट की ताकत है जिसने इस चौकीदार को मजबूत बनाया, आज चौकीदार देश की चौकीदारी कर रहा है।
 
उन्होंने कहा कि मोदी के कारण हमारे जवानों की बहादुरी के कारण, मोदी ने हमारी सेना को खुली छूट दे दी है, सुरक्षा बलों को खुली छूट दे दी है, इसलिए पहले किया सर्जिकल स्ट्राइक, अभी किया एयर स्ट्राइक। पाकिस्तान सोच रहा था कि मोदी ने पहली बार सीमा पर से आकर हमारे कैंप तोड़ थे, इस बार भी मोदी वहां से आएगा और उन्होंने वहां फौज लगा दी, लेकिन उनको मालूम नहीं कि यह मोदी है। हमारी सेना ने क्या किया वह ऊपर से गए 'बजरंगबली की जय' गोली का जवाब गोले से दे दिया।'
 
इस बार के कुंभ मेले को सफल बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले कुंभ में अर्थव्यवस्था इतनी बेहतर नहीं होती थी, लेकिन इस बार कुंभ में करोड़ों लोग आए, प्रधानमंत्री खुद भी आए लेकिन कोई भगदड़ नहीं हुई, कोई नहीं मरा। व्यवस्थाएं कैसे बदलती हैं, उसका यह उदाहरण है। (भाषा)

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