सुल्तानपुर (उप्र)। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मुस्लिम मतदाताओं से कहा है कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में उनके पक्ष में मतदान करें, क्योंकि मुसलमानों को चुनाव के बाद उनकी जरूरत पड़ेगी। मेनका ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र तूराबखानी में गुरुवार को आयोजित एक चुनावी सभा में कहा कि मैं लोगों के प्यार और सहयोग से जीत रही हूं लेकिन अगर मेरी यह जीत मुसलमानों के बिना होगी तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा।
भाजपा नेता ने कहा कि इतना मैं बता देती हूं कि फिर दिल खट्टा हो जाता है। फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए, फिर मैं सोचती हूं कि नहीं रहने ही दो क्या फर्क पड़ता है? आखिर नौकरी भी तो एक सौदेबाजी ही होती है, बात सही है या नहीं?
उन्होंने कहा कि अगर आप पीलीभीत में पूछिए, पीलीभीत के एक भी बंदे को फोन कर पूछो कि मेनका गांधी कैसे थी वहां? अगर आपको लगे कि कहीं भी हमसे कोई गुस्ताखी हुई तो हमको वोट मत देना। अगर आपको लगे कि हम खुले हाथ और दिल के साथ आए हैं कि आपको कल मेरी जरूरत पड़ेगी। यह इलेक्शन तो मैं पार कर चुकी हूं, अब आपको मेरी जरूरत पड़ेगी।
भाजपा नेता मेनका ने यह भी कहा कि हम महात्मा गांधी की संतान नहीं हैं कि हम बस चीजें देते रहें और बदले में हमें कुछ नहीं मिले। मेनका गांधी इस बार सुल्तानपुर से चुनाव लड़ रही हैं जबकि उनके पुत्र वरुण गांधी उनकी सीट पीलीभीत से चुनाव लड़ रहे हैं।
इस बीच जिले के चुनाव अधिकारियों ने मेनका को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया है। दिल्ली में चुनाव आयोग भी मेनका के भाषण का परीक्षण कर रहा है। उत्तरप्रदेश चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि जिला चुनाव अधिकारियों की ओर थमाए गए नोटिस पर मेनका को 3 दिनों के भीतर जवाब देना होगा।
इस बीच दिल्ली में कांग्रेस ने मुस्लिम मतदाताओं के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के एक बयान को लेकर शुक्रवार को चुनाव आयोग से आग्रह किया कि चुनावी कदाचार के लिए उनका नामांकन खारिज किया जाए। पार्टी ने यह भी कहा कि धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए मेनका के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज होनी चाहिए। विभिन्न मुद्दों पर शिकायत करने के लिए कांग्रेस के एक शिष्टमंडल ने चुनाव आयोग को अपना प्रतिवेदन सौंपा। इस दौरान पार्टी शिष्टमंडल द्वारा मेनका गांधी के बयान का भी मुद्दा उठाया गया।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सच्चाई ये है कि मोदीजी और उनके मंत्री बौखला गए हैं। चुनाव की दौड़ को वे पूरी करने में अपने आपको असक्षम पा रहे हैं इसलिए कभी जाति का नाम लेकर, कभी धर्म का नाम लेकर, कभी उत्तर और दक्षिण भारत का नाम लेकर, कभी रंगभेद करके, कभी भाषा का नाम लेकर, कभी कपड़ों को लेकर, कभी भोजन का नाम लेकर इस देश की गंगा-जमुनी तहजीब को वे मिटाना चाहते हैं।
उन्होंने दावा किया कि मोदीजी, मेनकाजी आप अपने इस प्रपंच और ढोंग में कभी कामयाब नहीं होंगे, क्योंकि ये भारतवर्ष है और इस भारतवर्ष की संस्कृति को कोई मिटा नहीं सकता। हमने चुनाव आयोग को कहा है कि जो जाति और धर्म के आधार पर नफरत और बंटवारा फैलाए, ऐसी मंत्री को एक दिन भी उम्मीदवार बने रहने का अधिकार नहीं है। उनका नामांकन रद्द करना चाहिए और धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। (भाषा)