लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उनके नेताओं की ओर से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाना बनाया जाना बहुत ही खतरनाक और अन्यायपूर्ण प्रवृत्ति है तथा यह देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता।
मायावती ने कहा, बंगाल में आए दिन कोई न कोई खबर जरूर सुर्खियों में रहती है जिसके लिए भाजपा और आरएसएस के लोग जिम्मेदार हैं। बंगाल में हिंसा को देखें तो साफ पता चलता है कि मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में उनकी पार्टी और सरकार ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत ममता बनर्जी की सरकार को निशाना बनाया है ताकि लोगों का ध्यान मोदी सरकार की कमियों और विफलताओं से हटाया जा सके।
उन्होंने कहा, गुरु और चेले जिस तरह हाथ धोकर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के पीछे पड़े हैं वह एक खतरनाक प्रवृत्ति है जो उचित व न्यायसंगत नहीं है। जिस प्रकार ममता बनर्जी और उनकी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है वह देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता।
मायावती ने कहा, भाजपा और मोदी की कोशिश है कि बंगाल के मुद्दे को इतना ज्यादा गर्माया जाए कि इनकी विफलताओं से लोगों का ध्यान हट जाए, लेकिन जनता इस साजिश को समझती है। उप्र की तरह ही बंगाल की जनता भी भाजपा को करारा जवाब देगी।
बसपा प्रमुख ने कहा, इससे भी ज्यादा दुख की बात यह है कि केंद्र सरकार के दबाव में मुख्य चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में एक दिन पहले ही चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी और वह भी आज प्रधानमंत्री की दो रैलियां वहां खत्म होने के बाद रात दस बजे से...। इसकी हमारी पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है।
उन्होंने कहा कि अगर प्रचार पर रोक लगानी ही थी तो आज सुबह से लगानी चाहिए थी। इससे स्पष्ट होता है कि वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त के रहते हुए इस बार का लोकसभा चुनाव पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं है। इससे हमारे लोकतंत्र को भारी नुकसान पहुंच रहा है और यह अति निंदनीय तथा शर्मनाक भी है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यहां उप्र में भी भाजपा और आरएसएस ने बंगाल जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश की थी। लेकिन हमारे गठबंधन ने इनके षड्यंत्र को नाकाम कर दिया।