नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए पहली बार एक मोबाइल ऐप का सहारा लिया है, जिसकी मदद से चुनाव पर्यवेक्षक यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट आयोग को भेज सकेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) और पर्यवेक्षकों की बैठक में 'ऑब्जर्वर ऐप' नामक इस ऐप की कार्यविधि से अवगत कराया गया। दिनभर चली बैठक के बाद आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार इस ऐप के जरिए चुनाव प्रक्रिया में तैनात प्रशासनिक, पुलिस एवं राजस्व सेवा के अधिकारी उम्मीदवारों के खर्च और अन्य नियमों के पालन की रिपोर्ट सीधे आयोग को भेज सकेंगे।
साथ ही आयोग द्वारा ऐप के जरिए इन अधिकारियों को सीधे कोई आवश्यक संदेश, निर्देश, उनकी तैनाती के स्थान आदि की जानकारी एवं अत्यावश्यक अलर्ट भेजे जा सकेंगे। अधिकारियों को भी ऐप पर अपनी रिपोर्ट में तस्वीर, वीडियो और दस्तावेज आदि अपलोड करने की सुविधा होगी।
इसके अलावा मतदाताओं को निर्वाचन नियमों के उल्लंघन की शिकायतों और सुझावों से आयोग को अवगत कराने के लिए मुहैया कराया गया 'सी-विजल' ऐप भी ऑब्जर्वर ऐप से जुड़ा होगा, जिससे अधिकारी सी विजिल ऐप पर मिल रही शिकायतों और सुझावों पर की जा रही कार्रवाई पर निगरानी कर सकेंगे।
आगामी लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की गत दस मार्च को घोषणा किए जाने के बाद चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए आहूत की गई यह पहली बैठक थी। इसमें चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा, सुशील चंद्रा, सभी राज्यों के सीईओ और पर्यवेक्षकों सहित 14 सौ से अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
इस दौरान अधिकारियों को चुनाव आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करते हुए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने का प्रशिक्षण दिया गया। अधिकारियों को वीवीपीएटी युक्त ईवीएम के इस्तेमाल और चुनाव प्रबंधन में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल की जानकारी भी दी गई।
इसके अलावा पर्यवेक्षकों को चुनाव के दौरान कालेधन के इस्तेमाल, मतदाताओं को लुभाने के लिए मादक द्रव्य एवं अन्य वस्तुओं के वितरण पर सख्ती से निगरानी रखने की कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया। उल्लेखनीय है कि आयोग आगामी 11 अप्रैल से सात चरण में होने वाले मतदान के लिए देशभर में अब तक 1400 से अधिक पर्यवेक्षकों की तैनाती कर चुका है।