भोपाल। लंबे इंतजार के बाद बीजेपी ने आखिरकार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ के खिलाफ जुन्नारदेव के पूर्व विधायक और आदिवासी नेता नत्थन शाह को अपना उम्मीदवार बनाया है, लेकिन बीजेपी ने नत्थन शाह के जरिए कांग्रेस के गढ़ को हथियाने का जो दांव चला है उस पर सवाल उठ रहे हैं।
नत्थन शाह बीजेपी के टिकट पर 2013 में जुन्नारदेव से विधायक चुने गए थे, लेकिन पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया। पहले विधानसभा चुनाव में शाह का टिकट काटना और अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बड़े चेहरे नकुलनाथ के सामने उम्मीदवार बनाना अपने आप में सवाल खड़े कर रहा है।
कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को उनके गढ़ में घेरने के लिए बीजेपी छिंदवाड़ा में किसी बड़े चेहरे को अपना उम्मीदवार बना सकती है। बीजेपी का हर बड़ा नेता दावा भी कर रहा था कि इस बार छिंदवाड़ा पर भी बीजेपी का कब्जा होगा। मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट ऐसी है जिस पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा है और मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ इस सीट का प्रतिनिधित्व लोकसभा में करते आए हैं।
इस बार सूबे में कांग्रेस की सरकार बन जाने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से अपने बेटे नकुलनाथ की सियासी लॉन्चिंग करने जा रहे हैं। नकुल पिछले काफी समय से छिंदवाड़ा में सक्रिय हैं और अब तक छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की हर विधानसभा सीट का दौरा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ भी लगातार छिंदवाड़ा में अपने बेटे के लिए प्रचार कर रहे हैं।
दूसरी ओर बीजेपी उम्मीदवार नत्थन शाह की भले ही आदिवासी वोटरों में अच्छी पकड़ हो, लेकिन नकुल नाथ को वो कितनी चुनौती दे पाएंगे ये देखने वाली बात होगी। छिंदवाड़ा कांग्रेस की ऐसी परंपरागत मजबूत सीट है, जो बीजेपी मोदी लहर में भी नहीं जीत सकी थी। वहीं नत्थन शाह के नाम का एलान होने के साथ ही कांग्रेस ने छिंदवाड़ा में जीत का दावा भी कर दिया।
ऐसे में जब कांग्रेस बीजेपी के गढ़ भोपाल, जबलपुर में अपने बड़े चेहरों को उतारकर चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना रही है तो छिंदवाड़ा में बीजेपी की तरफ से कोई बड़ा चेहरा नहीं उतारना एक तरह से बीजेपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को वॉकओवर देने जैसा ही है।