कोरापुट (ओडिशा)। वर्ष 2009 से पहले दशकों तक कांग्रेस का गढ़ रहे आदिवासी बहुल कोरापुट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आगामी चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। कोरापुट सीट 2009 में कांग्रेस से बीजद के हाथों में चली गई थी।
भाजपा ने इस सीट से जयराम पांगी को खड़ा किया है जिन्होंने 9 बार सांसद रहे बीजद उम्मीदवार गिरिधर गमांग को 2009 में हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी। पांगी इस बार भाजपा के खेमे में हैं। बीजद ने कौशल्या हिकाका और कांग्रेस ने सप्तगिरि उल्का को इस सीट से मैदान में उतारा है। कोरापुट में 11 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा।
हालांकि शुरुआत में माना जा रहा था कि कोरापुट में मुकाबला कांग्रेस और बीजद के बीच होगा लेकिन पांगी के मैदान में उतरने से अब त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। बीजद उम्मीदवार झीना हिकाका ने 2014 में गमांग को हराकर चुनाव जीता था। बीजद ने इस बार झीना की पत्नी कौशल्या को टिकट दिया है। गमांग अब भाजपा में शामिल हो गए हैं।
कौशल्या ने अपनी जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि राज्य में बीजद सरकार के किए विकास कार्यों और कल्याण योजनाओं का लाभ उन्हें मिलेगा। दूसरी तरफ, कांग्रेस उम्मीदवार एवं सॉफ्टवेयर इंजीनियर सप्तगिरि उल्का को उम्मीद है कि वे शानदार प्रदर्शन करेंगे और इस सीट पर फिर से कांग्रेस का वर्चस्व कायम होगा, वहीं गमांग के भाजपा में शामिल होने से उसे काफी लाभ होने की संभावना है।
भाजपा उम्मीदवार पांगी का कहना है कि केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार ने गरीबों और आदिवासियों के लिए जो काम किए हैं, उनके कारण भाजपा जीत का परचम लहराएगी। ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव भी होंगे। ऐसे में बीजद के लिए विधानसभा क्षेत्रों में सत्ताविरोधी लहर से निपटने की चुनौती होगी। (भाषा)