नई दिल्ली। भाजपा ने अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को चुनाव मैदान में उतारा है जिससे इस सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें अमेठी से स्मृति ईरानी को टिकट दिया गया है। ईरानी 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी से हार गई थी लेकिन इनके बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था।
वर्ष 2014 में गांधी को 4,08,651 वोट मिले थे और ईरानी को 3,00,748 मत हासिल हुए थे। इस तरह ईरानी को 1,07,903 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
इस हार के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मृति ईरानी को अपने मंत्रिमंडल में जगह दी थी। इसके बाद वह पूरे पांच साल अमेठी में सक्रिय रही है। ऐसे में वह राहुल गांधी को यहां कड़ी टक्कर दे सकती है।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने मार्च 2004 में चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ राजनीति में प्रवेश की घोषणा की, जिसमें वे अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से लोकसभा के लिए खड़े हुए और लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।
2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए एक उच्च स्तर के कांग्रेस अभियान में उन्हें प्रमुख व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया। हालांकि पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इससे राहुल को काफी आलोचना भी झेलना पड़ी थी।
राहुल को 24 सितंबर 2007 में पार्टी सचिवालय के एक फेरबदल में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का महासचिव नियुक्त किया गया। उसी फेरबदल में, उन्हें युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। उनकी छवि कांग्रेस में एक युवा नेता के रूप में उभरी।
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 333000 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया। इन चुनावों में कांग्रेस ने 80 लोकसभा क्षेत्रों वाले राज्य में 21 सीटें जीतकर राज्य में पार्टी में नए उत्साह का संचार किया। उस समय इस बदलाव का श्रेय भी राहुल गांधी को दिया गया।