कोलकाता। बंगाल में लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन के बाद अब टीएमसी के नेता उसका दामन थामने के लिए आतुर है। राज्य में ममता की पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं और नेताओं का भाजपा में शामिल होने का सिलसिला जारी है। बुधवार को भी टीएमसी के कई नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की उपस्थिति में टीएमसी के एक और विधायक मनीरुल इस्लाम भाजपा में शामिल हो गए। टीएमसी नेता गदाधर हाजरा, मोहम्मद आसिफ इकबाल और निमानी दास ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
इससे पहले 3 विधायकों ने मंगलवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। मुकुल रॉय के बेटे और टीएमसी विधायक सुभ्रांशु रॉय ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। विष्णुपुर से टीएमसी के विधायक तुषार कांति भट्टाचार्य और हेमताबाद से सीपीएम के विधायक देवेंद्र रॉय भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। 50 से ज्यादा टीएमसी पार्षदों ने टीएमसी को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।
लोकसभा में टीएमसी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद ममता को मंत्रिमंडल में बदलाव करने जैसा कदम उठाना पड़ा। उधर पार्टी छोड़ रहे नेताओं से सदमे में टीएमसी बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि उसके नेताओं और विधायकों को बंदूक की नोंक पर जबर्दस्ती भाजपा की सदस्यता दिलवाई जा रही है।
पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने एक रैली में कहा था कि 'दीदी आपकी जमीन खिसक चुकी है। देख लेना, 23 मई को जब नतीजे आएंगे तो आपके विधायक भी आपको छोड़कर भाग जाएंगे। आज भी आपके 40 विधायक मेरे संपर्क में हैं।
दीदी आपने विश्वासघात किया है, आज जो पश्चिम बंगाल में गुस्सा है वह आपके विश्वासघात का है। इस विश्वासघात की कीमत यहां का नौजवान लेकर रहेगा। अब देखना यह कि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले टीएमसी अपने नेताओं को किस तरह से पार्टी से जुड़े रखने में कामयाब हो पाती है।