भोपाल। लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में वापसी की कोशिश में जुटी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट में शामिल इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने आज बेहद चौंकाने वाले फैसले में अपना नामांकन वापस ले लिया। सोमवार सुबह भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ इंदौर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम रिटर्निंग ऑफिसर से मिले और कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर भरा अपना नामांकन वापस ले लिया।
कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के नाम वापस लेने के बाद अब इंदौर में भाजपा के सामने वॉकओवर जैसी स्थिति बन गई है। अगर इंदौर से सभी निर्दलीय प्रत्याशी भी आज अपना नामांकन वापस ले लेते है तो इंदौर में भी सूरत जैसा निर्विरोध चुनाव हो जाएगा और भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी की निर्विरोध जीत तय हो जाएगी।
कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम का नाम वापस लेना कांग्रेस के साथ-साथ इंदौर से ही आने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के लिए बड़ा झटका है। दिलचस्प बात यह है कि जीतू पटवारी ने ही अक्षय कांति बम का टिकट फाइनल करवाया था। ऐसे में यह पूरा घटनाक्रम जीतू पटवारी की संगठन क्षमता पर सवाल खड़े करता है।
इंदौर कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का गृह जिला है, ऐसे में इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार का नाम वापस लेना उनके लिए एक बड़ा झटका है। विधानसभा सभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने वाले जीतू पटवारी के नेतृत्व पर लगातार सवालिया निशान उठ रहे है। लोकसभा चुनाव के दौरा पार्टी में पहले से मची भगदड़ और उसके बाद आज इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी का नाम वापस लेना, इस बात का साफ इशारा है कि कांग्रेस में सबकुछ ठीक ठाक नहीं है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस संगठन लगातार कमजोर होता जा रहा है। प्रदेश भाजपा के बड़े नेता लगातार दावा कर रहे है कि अब तक 4 लाख से अधिक कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो चुके है।
इंदौर से जीतू पटवारी के कांग्रेस की कमान संभालने के बाद इंदौर कांग्रेस के बड़े नेता एक के बाद पार्टी छोड़कर चले गए। इंदौर से आने वाले पूर्व विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल के साथ हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके है। इंदौर में कांग्रेस संगठन में लगातार बिखराव देखा जा रहा है। वहीं अब जब इंदौर में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान तेजी पकड़ेगा तब बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो सकते है। ऐसे में अब चुनौती प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के सामने है जिन्हें कंधों पर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने से पहले अपना घर संभालना है।