Lok Sabha Election 2024: सूरत से निर्विरोध निर्वाचित सांसद दलाल ने राहुल गांधी से पूछा यह सवाल
कांग्रेस के नीलेश कुम्भणी की उम्मीदवारी रद्द हो गई
Lok Sabha Election 2024 : गुजरात की सूरत (Surat) लोकसभा सीट (Lok Sabha seat) से निर्विरोध जीत हासिल कर चुके भारतीय जनता पार्टी के सासंद मुकेश दलाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से प्रश्न किया कि क्या अतीत में कई अन्य सांसदों का बिना चुनाव लड़े निर्वाचित होना भी संविधान की हत्या के समान था?
जीत का श्रेय मोदी के नेतृत्व को दिया : दलाल ने बुधवार को एक साक्षात्कार में कहा कि इस चुनाव में सूरत में कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) पहले ही खिल चुका है और उन्होंने अपनी जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को दिया। दलाल ने इसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 400 लोकसभा सीट के आंकड़े को पार करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने की दिशा में पहला कदम बताया।
कांग्रेस के नीलेश कुम्भणी की उम्मीदवारी रद्द हुई : सभी प्रत्याशियों द्वारा अपना नामांकन वापस लेने के बाद सोमवार को दलाल को विजेता घोषित कर दिया गया। पिछले 12 वर्ष में लोकसभा चुनाव निर्विरोध जीतने वाले वे पहले उम्मीदवार बन गए हैं। दलाल को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए जाने से एक दिन पहले कांग्रेस के नीलेश कुम्भणी की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई थी, क्योंकि निर्वाचन अधिकारी ने प्रथम दृष्टया प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में विसंगतियां पाई थीं।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी निर्विरोध जीत ने सूरत के लोगों को मतदान और अपना प्रतिनिधि चुनने के अधिकार से वंचित कर दिया? दलाल ने दावा किया कि इस स्थिति के लिए कांग्रेस पूरी तरह जिम्मेदार है।
दलाल की जीत के बाद क्या कहा था राहुल गांधी ने? : दलाल की जीत के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर कहा था कि लोगों से अपना नेता चुनने का अधिकार छीनना बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान को खत्म करने की दिशा में एक और कदम है। मौजूदा लोकसभा चुनाव सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि देश को बचाने और संविधान की रक्षा के लिए है।
इस पर दलाल ने कहा कि मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि मेरी जानकारी के अनुसार कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के 28 सांसद अब तक निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए जा चुके हैं। यदि मेरा निर्विरोध निर्वाचन संविधान की हत्या है तो क्या उनका निर्विरोध निर्वाचन लोकतंत्र की हत्या या संविधान की हत्या नहीं थी?
सूरत नगर निगम के पार्षद रह चुके दलाल ने दावा किया कि कांग्रेस ने गैर-जिम्मेदाराना तरीके से नामांकन पत्र दाखिल करने की अनुमति दी और अपने उम्मीदवार के लिए 3 वास्तविक प्रस्तावक तक नहीं ढूंढ सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास 4 वफादार कार्यकर्ता भी नहीं हैं, जो प्रस्तावक बन सकें और उस पार्टी का नेता देश का प्रधानमंत्री बनना चाहता है। यहां के लोग मतदान से वंचित रह गए तो अगर इस स्थिति के बारे में सोचें तो इसके लिए एकमात्र जिम्मेदार कांग्रेस पार्टी है।
कांग्रेस उम्मीदवार ने अपनी इज्जत बचाने के लिए यह रास्ता अपनाया : इस आरोप पर कि कुम्भणी का नामांकन खारिज होने के लिए भाजपा जिम्मेदार है, दलाल ने कहा कि सूरत 1989 से उनकी पार्टी का गढ़ है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा इस सीट पर पूरी ताकत से चुनाव लड़ना चाहती थी और पार्टी कार्यकर्ता कांग्रेस उम्मीदवार को हराने और यहां तक कि उसकी जमानत जब्त कराने के लिए तैयारी कर चुके थे। जमानत जब्त होने की आशंका से डरे हुए कांग्रेस उम्मीदवार ने अपनी इज्जत बचाने के लिए यह रास्ता अपनाया।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta