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महाराज को जिताने के लिए चुनावी रण में महारानी, गुना में दांव पर सिंधिया घराने की प्रतिष्ठा

हमें फॉलो करें महाराज को जिताने के लिए चुनावी रण में महारानी, गुना में दांव पर सिंधिया घराने की प्रतिष्ठा

विकास सिंह

, बुधवार, 3 अप्रैल 2024 (18:25 IST)
चुनाव को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव कहा जाता है और इस उत्सव में तरह-तरह के रंग भी देखने को मिलते है। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान तरह-तरह के रंग देखने को मिल रहे है। प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से प्रदेश की राजनीति में महाराज के नाम से जाने पहचाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनावी मैदान में है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने ही गढ़ से मात खाने वाले महाराज को जीत दिलाने के लिए ‘महारानी’ भी पूरी तरह चुनावी मैदान में आ डटी है। वहीं चुनाव प्रचार के दौरान उनके अलग-अलग अंदाज खूब सुर्खियां बटोर रहे है।

गुना से भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया इन दिनों गुना-शिवपुरी सीट पर चुनावी संवाद कर रही है। इस दौरान उनके अलग-अगल अंदाज काफी चर्चा के केंद्र में है। प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया कस्बों में लगने वाले बाजार में पहुंचकर जनसंपर्क कर रही है। इस दौरन एक ओर जहां वह दुकान पर बैठक समोसा खा रही है तो दूसरी ओर साड़ी की दुकान पर पहुंचकर अपनी पंसदीदा साड़ी भी खरीद रही है तो दूसरी ओर महिलाओं से स्थानीय भाषा में संवाद भी कर रही है।
 
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चुनाव प्रचार के दौरान प्रियदर्शनी राजे सिंधिया लोगों के साथ संवाद में गुना-शिवपुरी के साथ सिंधिया घराने के रिश्तों को याद दिलाकर इमोशनल कार्ड भी खेल रही है। ऐसे ही एक चुनावी कार्यक्रम में संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि महाराज (पति ज्योतिरादित्य सिंधिया) ने आप लोगों के लिए कितना पसीना बहाया और आपने भी उन्हें उतना ही प्यार दिया। महाराज के हाथ आपके लिए हैं, आप ताकतवर नहीं बनाएंगे, फिर काम कैसे होगा। हम बीस साल पहले आठ-नौ घंटे पैदल चल कर आते थे, तब सडक़े नहीं थीं और न स्कूल, न अस्पताल हुआ करते थे।
 
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वहीं महिलाओं को लेकर आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन कार्यक्रम में प्रियदर्शनी राजे सिधिया ने कहा कि 'मैं हर चुनाव में आती हूं और मुझे बहुत दुख होता है, क्योंकि महिलाएं पीछे रह जाती हैं। कोई महिलाएं काम के लिए तो कोई खाना पकाने के लिए रह जाती हैं, मत डालने के लिए नहीं पहुंच पाती हैं। आज सेल्फी बहुत लोगों ने ली, जिसके लिए एक बटन दबाना पड़ता है, वहीं मत डालने के लिए भी एक बटन दबाना पड़ता है। आपको लगता होगा कि अब चुनाव आ गए, तो यह लोग भी आ गए। हम चुनाव में इसलिए आपको याद दिलाने आते हैं कि जो रास्ता आप चल कर आए हो, वह किसने बनाया, जिस विद्यालय, अस्पताल आप जाते हो वह किसने बनाया।'

दांव पर सिंधिया घराने की प्रतिष्ठा-2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर गुना से हारने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भाजपा के टिकट पर एक बार फिर गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। सिंधिया इन दिनों अपने चुनाव क्षेत्र में पूरी ताकत के साथ चुनावी प्रचार में जुटे है, वहीं उनका परिवार भी अब पूरी तरह से चुनावी मैदान में आ डटे  है।

वहीं कांग्रेस ने स्थानीय नेता राव यादवेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारकर सिंधिया को उनके ही गढ़ में घेरने की कोशिश की है। अशोकनगर से आने वाले यादवेंद्र सिंह सियासत का बड़ा नाम है उनके पिता देशराज सिंह तीन बार भाजपा  के टिकट पर विधायक रह चुके है। वहीं यादवेंद्र सिंह वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं और उनकी पत्नी और मां भी जिला पंचायत सदस्य हैं। यादवेंद्र सिंह के पिता राव देशराज सिंह तीन बार भाजपा से विधायक रहने के साथ दो बार भाजपा के  टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा।
 



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