2024 के लोकसभा चुनाव के सियासी जंग अब आधे की लड़ाई पार कर चुकी है। आज लोकसभा चुनाव के चौथे चरण की वोटिंग के साथ देश की 379 सीटों पर मतदान खत्म हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपनी संसदीय सीट वाराणसी में रोड शो करेंगे वहीं मोदी कल अपना नामांकन भरेंगे। उत्तप्रदेश से लेकर बिहार तक अब पांचवें से सातवें चरण की लड़ाई काफी दिलचस्प होने जा रही है। इसकी वजह है कि इन तीन चरणों में भारतीय राजनीति के दिग्गज चेहरों की किस्मत का फैसला जनता करेगी। दूसरे शब्दों में कहे तो
UP मेंं मोदी को राहुल-अखिलेश की चुनौती-2024 का पूरा लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और उनकी 10 साल की सरकार के कामकाज पर ही टिका नजर रहा है। वहीं अब पांचवें से सातवें चरण में उत्तर प्रदेश की बनारस, अमेठी, रायबरेली जैसी अहम सीटों पर मतदान होगा। बनारस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रायबरेली से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे है। देश की सियासत में कहा जाता है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता उत्तरप्रदेश से होकर जाता है और इस बार उत्तर प्रदेश में भाजपा और मोदी के चेहरे को चुनौती देने के लिए विपक्ष की तरफ से राहुल और अखिलेश यादव की जोड़ चुनौती दे रहे है। इंडिया गठबंधन के तहत राहुल गांधी और अखिलेश यादव संयुक्त सभा कर पीएम मोदी और भाजपा पर डबल अटैक कर रहे है।
कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए चुनाव रैली को संबोधित करते हुए पहुंचे राहुल गांधी ने कहा आप लिख करके ले लो नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। वहीं अखिलेश यादव अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार करने पहुंचेंगे। वहीं अब आखिरी दौर के चुनाव प्रचार में पूर्वांचल में राहुल, अखिलेश के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल संयुक्त रूप से चुनावी रैली करेंगे। गौरतलब है कि पूर्वांचल के सीटों पर छठें और सातवें चरण में मतदान है।
गौरतल है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव सपा-कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने खुद को यूपी के लड़के बताया था। लेकिन चुनाव परिणाम एकतरफा भाजपा के पक्ष में गए थे और राहुल और अखिलेश के हाथ निराशा लगी थी।
बिहार में राहुल-तेजस्वी की जुगलबंदी-वहीं चौथे चरण के मतदान के दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार की राजधानी पटना में पटना साहिब गुरुद्वारे पहुंचकर सेवादार की भूमिका निभाई और खुद अपने हाथों से लंगर भी परोसा। दरअसल बिहार में लोकसभा चुनाव की लड़ाई काफी दिलचस्प नजर आ रही है। बिहार में सामाजिक समीकरण हमेशा चुनाव में हावी नजर आते है। लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में जिस तरह से नीतिश कुमार भाजपा के पाले में गए उसका सीधा असर वोटर्स के जनमानस पर पड़ा है। बिहार में नीतीश कुमार की छवि भाजपा पर भारी पड़ती हुई दिख रही है। अति पिछड़ा वोटर्स और दलित वोटर्स जो आरजेडी का कोर वोट बैंक समझा जाता है, उसें सेंध लगाने के लिए भाजपा ने जो कोशिश की है वह कितनी कामयाब होगी यह तो 4 जून को चुनावी नतीजों से ही पता चलेगा।