अमेठी और रायबरेली गांधी-नेहरू परिवार के पारंपरिक क्षेत्र माने जाते हैं क्योंकि इस परिवार के सदस्यों ने कई दशकों तक इन सीट का प्रतिनिधित्व किया है। कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी तो चुनाव लड़ने को तैयार हैं लेकिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल नहीं। वे नहीं चाहते कि गांधी परिवार के तीनों सदस्य सांसद बनें।
अमेठी और रायबरेली सीटों पर उम्मीदवार के नामों पर चर्चा के लिए बुधवार को एक बैठक हुई थी लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ। सोनिया गांधी ने भी दोनों से उत्तरप्रदेश की इन 2 सीटों के लिए बात की है। कहा जा रहा है कि आज दोनों सीटों पर कांग्रेस नेताओं के नाम का ऐलान हो सकता है।
अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर संशय के बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कोई भयभीत नहीं है और इस बारे में फैसले की घोषणा अगले 24-30 घंटे में की जाएगी।
यह पूछे जाने पर कि निर्णय लेने में देरी क्यों हो रही है और क्या कांग्रेस राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा को चुनाव मैदान में उतारने से डर रही है? इस पर रमेश ने कहा, 'कोई देरी नहीं हो रही है। क्या भाजपा ने रायबरेली में अपने उम्मीदवार की घोषणा की है? स्मृति ईरानी अमेठी से मौजूदा सांसद हैं। भयभीत कोई भी नहीं है। चर्चा चल रही है और फैसला लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत किया गया है।'
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व पहले ही केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) और पार्टी नेतृत्व से राहुल गांधी को अमेठी से और प्रियंका गांधी को रायबरेली संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारने का आग्रह कर चुका है।
अमेठी सीट का प्रतिनिधित्व 2004 से राहुल गांधी ने किया और वह लगातार तीन बार इस निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य चुने गए। वह 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे। राहुल गांधी वर्तमान में केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां से उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था। इस बार भी राहुल वायनाड से चुनाव मैदान में हैं।
वर्ष 2004 से 2024 तक रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सोनिया गांधी ने किया। उससे पहले सोनिया गांधी ने राजनीति में प्रवेश करने के बाद अमेठी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था और 1999 में पहली बार चुनाव लड़ा था। (इनपुट : भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta