प्रमुख प्रतिद्वंद्वी : अजय टम्टा (भाजपा), प्रदीप टम्टा (कांग्रेस)
अल्मोड़ा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने यहां से पिछली बार के चेहरों को दोहराया है। भाजपा ने मौजूदा सांसद अजय टम्टा को टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस ने प्रदीप टम्टा को चुनावी मैदान में उतारा है।
Constituency |
Bhartiya Janata Party |
Congress |
Others |
Status |
Almora(SC) |
Ajay Tamta |
Pradeep Tamta |
- |
BJP Wins |
Garhwal |
Tirath Singh Rawat |
Manish Khanduri |
- |
BJP Wins |
Hardwar |
Ramesh Pokhriyal (Nishank) |
Ambrish Kumar |
- |
BJP Wins |
Nainital-Udhamsingh Nagar |
Ajay Bhatt |
Harish Rawat |
- |
BJP Wins |
Tehri Garhwal |
Mala Rajya Laxmi |
Pritam Singh |
- |
BJP Wins |
परिचय : उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण शहर है अल्मोड़ा। यह अपनी ऐतिहासिक विरासत के साथ ही प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। इस प्राचीन शहर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है। प्राचीन काल से ही इसका धार्मिक, भौगोलिक और ऐतिहासिक महत्व रहा है।
जनसंख्या : जनगणना 2011 के मुताबिक यहां की कुल जनसंख्या 16 लाख 25 हजार 491 है।
अर्थव्यवस्था : यहां पाए जाने वाले खनिजों के भंडार में तांबा और मैग्नेटाइट शामिल हैं। यह एक कृषि व्यापार केंद्र होकर यहां कुछ निर्माण इकाइयां तथा एक महाविद्यालय भी हैं। यहां के ऊनी वस्त्र प्रसिद्ध हैं।
भौगोलिक स्थिति : यह दिल्ली से 365 और देहरादून से 415 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1646 मीटर है। कोशी तथा सुयाल नदियां इस शहर से होकर बहती हैं।
16वीं लोकसभा में स्थिति : भाजपा के अजय टम्टा यहां सांसद हैं। वे लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को पराजित कर विजयी हुए हैं। वे वर्तमान में कपड़ा राज्यमंत्री हैं। भाजपा के ही बच्ची सिंह रावत यहां से सर्वाधिक 5 बार सांसद रह चुके हैं।
उत्तराखंड के बारे में : उत्तराखंड की सभी 5 सीटों पर पिछले चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी। इस बार भी मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। पिछले चुनाव में जहां कांग्रेस की सरकार थी, वहीं इस बार राज्य में भाजपा की सरकार है। भाजपा की ओर से टिहरी राजपरिवार की सदस्य माला राज्य लक्ष्मी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की प्रतिष्ठा दांव पर है, वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और मनीष खंडूरी पर अपनी-अपनी सीटें जीतने का दबाव रहेगा। खंडूरी गढ़वाल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां पिछली बार उनके पिता मेजर जनरल भुवनचंद्र खंडूरी भाजपा के टिकट पर सांसद बने थे।