पति राजीव गाँधी की हत्या के बाद राजनीति में आने की इच्छुक नहीं रहीं सोनिया गाँधी अब कांग्रेस की शक्ति और दिशा निर्देशक हैं। उनके नेतृत्व में संप्रग एक बार फिर केन्द्र में सरकार बनाने जा रहा है।
अकसर विदेशी मूल का आरोप झेलने वाली 62 वर्षीय सोनिया इटली मूल की हैं और नब्बे के दशक के बाद के राजनीतिक हालात में उन्होंने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया।
इंदिरा गाँधी की बहू सोनिया मई 2004 में चुनाव जीतीं लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री का पद लेने से इनकार कर दिया था और मनमोहन सिंह के नाम का प्रस्ताव कर देशभर में कुर्बानी की नई मिसाल कायम कर दी।
मनमोहन को विपक्ष की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा लेकिन सोनिया हमेशा उनके साथ मजबूती से खड़ी रहीं।
पंद्रहवीं लोकसभा के चुनाव प्रचार में सोनिया ने भाजपा के नेताओं की टिप्पणियों का करारा जवाब दिया और पार्टी तथा मनमोहन पर हमला बोलने वाले किसी भी नेता को नहीं बख्शा।
सोनिया अपने रोड शो और जनता से सीधे संवाद के लिए खासी लोकप्रिय हैं और उनके बेटे राहुल गाँधी भी उन्हीं के पदचिह्नों पर चल रहे हैं।
एक छोटे बिल्डिंग ठेकेदार की बेटी सोनिया माइनो तुरिन के निकट एक रूढ़िवादी रोमन कैथोलिक परिवार में पली-बढ़ीं। उन्होंने 1998 में कांग्रेस का नेतृत्व संभाला।