चुनाव अधिकारियों ने तय किया है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में मताधिकार के दौरान किसी को मत न देने का विकल्प रखने वालों का हिसाब रखा जाएगा।
चुनाव अधिकारी ने कहा कि हम उस विकल्प की व्यवस्था करेंगे जिसके तहत मतदाता किसी भी उम्मीदवार को मत नहीं देना चाहता हो। लेकिन ईवीएम में ऐसा कोई विकल्प नहीं है। इसके लिए पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिया जाएगा कि वे ऐसे मतदाताओं को फार्म ।7ए मुहैया कराएँ, जिसमें किसी भी उम्मीदवार को मत न देने का विकल्प होगा।
चुनाव अधिकारी ने कहा कि मतदान वाले दिन नियम 49ओ के तहत पीठासीन अधिकारी मतदान करने से इनकार करने वाले मतदाताओं की टिप्पणी दर्ज करेगा कि वह अपना मत दर्ज नहीं कराना चाहता।
उन्होंने कहा कि मतदाताओं को यह विकल्प दिल्ली के पिछले विधानसभा चुनाव में भी मिला था, लेकिन उसमें ऐसे मतदाताओं के आँकड़े रखने का कोई विकल्प नहीं था।
उन्होंने कहा कि इससे हमें मतदाताओं की मनोदशा का पता चलेगा और इस बार हम ऐसे आँकड़ों के विवरण रखने को लेकर आश्वस्त हैं। हालाँकि किसी को भी मत न देने के विकल्प का परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अधिकारियों ने कहा कि इसका यह मतलब नहीं कि मतदान से इनकार करने वालों के मतों की संख्या से उम्मीदवार की जीत के अंतर के अधिक होने पर चुनाव अवैध माना जाएगा।