केंद्र में नई सरकार में लालूप्रसाद यादव को शामिल किए जाने के प्रति कांग्रेस की ओर से स्पष्ट संकेत नहीं मिलने के बीच पूर्व रेलमंत्री ने दर्शनिक अंदाज में कहा कि सत्ता का आना-जाना लगा रहता है।
लालू ने कहा कि सत्ता हमेशा नहीं बनी रहती है। सत्ता आती-जाती रहती है। उतार-चढ़ाव आते हैं। हमने ऐसे कई दौर देखे हैं।
उन्होंने कहा मंत्रिमंडल में शामिल करना प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के अधिकार क्षेत्र का मामला है। मुझे खराब नहीं लगेगा, अगर मुझे कैबिनेट में शामिल होने की पेशकश नहीं की जाती है।
उल्लेखनीय है कि 14वीं लोकसभा में राजद संप्रग का सबसे बड़ा घटक दल था लेकिन इस चुनाव में राजद केवल चार सीट जीतने में सफल रहा।
लोकसभा चुनाव में लालू ने रामविलास पासवान की लोजपा और समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चौथे मोर्चे का गठन किया था, लेकिन मोर्चा केवल 27 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सका, जबकि लोजपा एक भी सीट नहीं जीत पाई।
पूर्व रेलमंत्री ने कहा कि जो शक्ति दिल्ली में सत्ता दिलाती है, उसकी पूजा होती है। मुझे वह शक्ति नहीं मिली। राजद प्रमुख ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार को बिना शर्त समर्थन देने का वादा किया है और नई सरकार का हिस्सा नहीं होने पर कोई शिकवा नहीं होगा।
राजद, सपा और लोजपा के चौथे मोर्चे के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर लालू ने कहा कि ऐसा कोई मोर्चा नहीं था। कोई चौथा मोर्चा नहीं था। हमारा अपने गठबंधन के सहयोगियों के साथ तालमेल था।
एक सवाल के जवाब में लालू ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और उनके परिवार के साथ उनके सौहार्दपूर्ण संबंध हैं और वे गाँधी परिवार के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलेंगे।