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सबसे बड़े दल या सबसे बड़े गठबंधन को बुलावा ?

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नई दिल्ली (भाषा) , शुक्रवार, 15 मई 2009 (17:25 IST)
पंद्रहवीं लोकसभा के लिए खंडित जनादेश आने के कयास के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि राष्ट्रपति की ओर से सबसे बड़े दल को आमंत्रित किया जाए या फिर सबसे बड़े गठबंधन को। कांग्रेस ने सबसे बड़े दल को जबकि भाजपा ने सबसे बड़े दल के साथ चुनाव पूर्व सबसे बड़े गठबंधन को सरकार बनाने के लिए बुलाए जाने का समर्थन किया है।

भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा राष्ट्रपति को सबसे अधिक सीट पाने वाली पार्टी और चुनाव पूर्व सबसे बड़े गठबंधन को सरकार बनाने का निमंत्रण देने की परंपरा का अनुसरण करना चाहिए।

चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद राष्ट्रपति की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा यह राष्ट्रपति के अपने विवेकाधिकार का विषय है। मेरा विश्वास है कि राष्ट्रपति परंपरा का अनुसरण करेंगी।

सरकार गठन के लिए राष्ट्रपति द्वारा अपनाए जाने वाले मापदंडों के बारे में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा हम उम्मीद करते हैं कि राष्ट्रपति स्थापित मानदंडों का अनुसरण करेंगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या अकेले सबसे बड़े दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए दिग्विजय ने कहा यह राष्ट्रपति के विवेकाधिकार का मामला है। उन्हें आकलन करना है कि कौन स्थिर सरकार दे पाएगा। स्थिरता पैमाना होना चाहिए।

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