आजम खान और अमर सिंह के बीच वाकयुद्ध का सपा को खामियाजा भुगताना पड़ा है और इस बार लोकसभा में उसके सांसदों की संख्या कम होगी।
पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व भाजपा नेता कल्याण सिंह के साथ गठजोड़ करने के बाद सपा के मुस्लिम नेता आजम खां ने बगावत कर दी।
इसके बाद रामपुर से सपा सांसद जयाप्रदा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आजम की पार्टी महासचिव अमर सिंह से कहासुनी ने भी चुनावी नतीजों पर असर डाला है।
चौदहवीं लोकसभा में सपा को 39 सीटें मिली थीं लेकिन उत्तर प्रदेश में उसके अभी भी सबसे बड़े दल के रूप में उभरने की संभावना है।
वाम दलों द्वारा संप्रग सरकार से भारत अमेरिकी परमाणु करार के मुद्दे पर समर्थन वापस लिए जाने के बाद सपा ने उसे समर्थन दिया लेकिन वह सरकार में शामिल नहीं हुई।