प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में पिछड़ जाने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने नई लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के अपनी पार्टी के संसदीय बोर्ड के आग्रह को ठुकरा दिया।
पार्टी अध्यक्ष राजनाथसिंह ने बताया कि संसदीय बोर्ड की बैठक में आडवाणी ने कहा कि वे विपक्ष का नेता नहीं बनना चाहते, लेकिन बोर्ड ने आग्रह किया कि उन्हें इस पद पर बने रहना चाहिए। हालाँकि आडवाणी ने कहा कि वे ऐसा नहीं कर सकते।
आडवाणी ने चूँकि बोर्ड के इस आग्रह को मानने से इनकार कर दिया है, इसलिए पार्टी के संसदीय बोर्ड की अगली बैठक में इस बारे में विचार किया जाएगा। सिंह ने कहा कि संसदीय बोर्ड ने मुझे अधिकार दिया है कि मैं आडवाणी को उनका विचार बदलने के लिए मनाऊँ।
आडवाणी के नहीं मानने की स्थिति में विपक्ष की नेता के तौर पर भाजपा की एक अन्य वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का नाम चर्चा में है। राजनाथसिंह ने कहा कि आडवाणीजी हमारे नेता बने रहेंगे।
मनमोहन सोनिया को बधाई : आडवाणी ने प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को फोन कर जीत की बधाई दी। आडवाणी के कार्यालय के मुताबिक भाजपा नेता ने मनमोहन के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को चुनावों में कांग्रेस की सफलता के लिए बधाई और शुभकामनाएँ दीं।