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एसएम कृष्णा की नई पारी

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नई दिल्ली , रविवार, 24 मई 2009 (10:32 IST)
मनमोहन सरकार में विदेशमंत्री बनाए गए एसएम कृष्णा के नवंबर 2004 में महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद संभालने के बाद कहा जा रहा था कि उनका राजनीतिक सफर ठहर गया है, लेकिन तीन साल बाद 76 वर्षीय कृष्णा ने सक्रिय राजनीति में लौटकर तमाम अटकलों को विराम दे दिया।

परिधानों के मामले में भारत के गिने-चुने राजनीतिज्ञों की कतार में शामिल कृष्णा महाराष्ट्र के इतिहास में अपनी ओर से पहल करने वाले राज्यपालों में से एक हैं।

एक मई 1932 को जन्मे कृष्णा राज्य के अब तक के सर्वाधिक शिक्षित मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। वे पहली बार 1962 मे कर्नाटक विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

संसद में उनकी पारी की शुरुआत 1968 से हुई जब वे चौथी लोकसभा के सदस्य बने। पाँचवीं लोकसभा में भी कृष्णा निर्वाचित हुए, लेकिन 1972 में वे कर्नाटक की राजनीति में लौट गए और विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुए तथा वाणिज्य मंत्री बनाए गए।

1972 से 1977 के बीच उन्होंने उद्योग एवं विधायी मामलों का प्रभार संभाला, 1980 में कृष्णा लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और 1983-84 में उद्योग राज्यमंत्री बनाए गए। 1984-85 में वे वित्त राज्यमंत्री बने।

1989 में कृष्णा कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष बने और 1992 तक इस पद पर रहे। 1992 से 1994 तक उन्होंने उपमुख्यमंत्री का प्रभार संभाला। 1996 में वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए।

अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में कृष्णा प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य भी रहे। 11 अक्टूबर 1999 को कृष्णा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे फरवरी 1999 से 2004 तक कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष भी रहे।-भाषा

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