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कश्मीरी अलगाववादी नेता नजरबंद

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श्रीनगर (भाषा) , शुक्रवार, 24 अप्रैल 2009 (15:49 IST)
हुर्रियत अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक तथा कुछ अन्य अलगाववादी नेताओं को आज घर में नजरबंद कर दिया गया। मीरवाइज द्वारा आज यहाँ जुमे की नमाज को संबोधित किए जाने का कार्यक्रम था।

पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों ने कल शाम नगीन में मीरवाइज के घर को घेर लिया और आज सुबह उन्हें सूचित किया कि वे अपने घर से बाहर नहीं निकल सकते क्योंकि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

प्रशासन ने अन्य अलगाववादी नेताओं को भी घर में नजरबंद किया है जिनमें उदारवादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता सैयद सलीम गिलानी, अलगाववादी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष नईम अहमद खान, हाकिम अब्दुल राशिद तथा जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फोरम के अध्यक्ष जाविद अहमद मीर शामिल हैं।

अलगाववादी संगठन ने लोगों से लोकसभा चुनाव से दूर रहने को कहा था और उसकी इस अपील के एक दिन बाद प्रशासन ने यह कार्रवाई की।

मीरवाइज ने कहा था कि चुनाव कश्मीर की जनता की इच्छाओं का विकल्प नहीं हैं। कश्मीर मुद्दे के समाधान तक हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे। संगठन ने केवल पिछले सप्ताह ही घोषणा की थी कि पिछले 15 साल में वह पहली बार चुनाव बहिष्कार का आह्‍वान नहीं करेगी।

मीरवाइज की गैर-मौजूदगी में हुर्रियत के कार्यवाहक अध्यक्ष मौलवी मोहम्मद अब्बास अंसारी के 16 अप्रैल को दिए बयान की पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित यूनाइटेड जिहाद काउंसिल ने कड़ी आलोचना की थी। काउंसिल 13 उग्रवादी संगठनों का शीर्ष संगठन है जिसने चुनाव का बहिष्कार करने का आह्‍वान किया था।

जेकेएलएफ के अध्यक्ष मोहम्मद यासीन मलिक पर भी कल इसी प्रकार के प्रतिबंध लगाए गए। मंगलवार को पुलवामा में चुनाव विरोधी रैली निकालने वाले मलिक को उनके मैसूमा स्थित आवास पर नजरबंद कर दिया गया।

इससे पूर्व 12 अप्रैल को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी को घर में नजरबंद कर दिया गया था तथा इस धड़े के प्रवक्ता अयाज अकबर समेत दर्जनभर अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।

लगभग सभी अलगाववादियों और उग्रवादी संगठनों ने बेकार की कवायद बताते हुए चुनाव को नकार दिया है और लोगों से चुनाव का बहिष्कार करने की अपील की है।

गिलानी ने भी मतदान के दिन पूर्ण बंद का आह्‍वान किया है। कश्मीर से लोकसभा की तीन सीटों अनंतनाग, श्रीनगर और बारामूला में 30 अप्रैल, सात और 13 मई को चुनाव होगा।

अलगाववादियों के इसी प्रकार के बहिष्कार के आह्‍वान के बावजूद जम्मू-कश्मीर में पिछले साल विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतदान हुआ।

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