उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले मतदाता इस बार घाटियों में ही मतदान करेंगे, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने उनके लिए घाटी वाले इलाकों में ही मतदान केंद्र बनाने की अनुमति दे दी है।
उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के अंतर्गत उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बसे गाँवों के लोग इस समय शीतकालीन प्रवास के चलते घाटी वाले इलाकों में हैं। चुनाव से पूर्व वे अपने मूल गाँवों के लिए जाना शुरू कर देते हैं।
बहरहाल मूल गाँवों तक पहुँचने में इन मतदाताओं को बहुत समय लगता है। ऐसे में मतदान के लिए असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। पूर्व में जिला निर्वाचन विभाग ने मतदाताओं से बातचीत कर उन्हें चुनाव तक घाटियों में ही रुकने के लिए राजी कर लिया था। इस बारे में केंद्रीय निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजा गया था जिसे स्वीकार कर लिया गया।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि गर्ब्यांग, बूंदी, नपलच्यू गाँवों के मतदाता प्राथमिक पाठशाला गर्ब्यांग में मतदान करेंगे। रांगकौंग, नाबी, गुंजी और कूटी के मतदाता पंचायतघर नाबी में मतदान करेंगे। गुग्लू, नागलिंग, बालिंग के मतदाता राजकीय प्राथमिक पाठशाला नागलिंग में मतदान करेंगे।
गौरतलब है कि ऊँचाई वाले क्षेत्रों में स्थित गाँवों के नाम से ही घाटी वाले इलाकों में प्राथमिक विद्यालय खोले गए हैं। इन्हीं विद्यालयों में प्रवास वाले मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों में स्थायी रूप से घाटियों में रहने वाले मतदाता भी मतदान करेंगे।