चुनावों में शून्यपति भी मैदान में
शून्यपतियों की सूची में आंध्रप्रदेश शीर्ष पर
अगर आप यह सोचते हैं कि 15वीं लोकसभा में चुने जाने के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में करोड़पति सांसदों की अधिक संख्या है तो आपको बता दें कि ऐसे कई प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं जिन्होंने बैंक खातों में अपनी जमा राशि शून्य बताई है।
चुनावों को लेकर गैर-सरकारी संगठनों और नागरिकों की अगुवाई वाले समूहों के समन्वय के साथ चल रहे राष्ट्रव्यापी अभियान नेशनल इलेक्शन वॉच की ओर से जारी ताजा जानकारी के अनुसार देश के 177 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 233 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल करने के दौरान शपथ पत्र में शून्य संपत्ति (चल और अचल) दर्शाई है।
इस जानकारी में खुलासा होता है कि इस शून्य संपत्ति वाली सूची में 198 प्रत्याशी निर्दलीय कांग्रेस के आठ और भाजपा के सात उम्मीदवार शामिल हैं। ऐसे उम्मीदवारों की संख्या आंध्रप्रदेश में सबसे ज्यादा है।
नेशनल इलेक्शन वॉच के संस्थापक सदस्य और आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व निदेशक जगदीप चोक्कर ने कहा कि यह आश्चर्यजनक लेकिन एक वास्तविक तथ्य है। इस वर्ष के चुनावों में करोड़पति उम्मीदवारों की बाढ़ है वहीं लगभग 200 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनकी संपत्ति महज शून्य है और यह आश्चर्य में डाल देने वाली बात है।
नेशनल इलेक्शन वॉच के राष्ट्रीय समन्वयक अनिल बैरवाल कहते हैं कि उम्मीदवारों की वित्तीय स्थिति का रिकॉर्ड तैयार करने के दौरान गणनाओं के लिए कुछ समायोजन और अनुमान लगाए गए थे।
बैरवाल ने कहा कि कुछ सांसदों ने बिना मूल्य बताए अपनी संपत्ति की घोषणा की है। हमने ऐसी संपत्तियों को भी शून्य माना है। इस तरह की विसंगति के कारण वास्तविक आँकड़ों की सटीक गणना मुश्किल हो जाती है।
संगठन की ओर से जारी करोड़पति उम्मीदवारों का रिकॉर्ड दर्शाता है कि वर्ष 2004 में जहाँ ऐसे उम्मीदवारों की संख्या नौ फीसदी थी वहीं इस बार यह संख्या बढ़कर 16 फीसदी हो गई है।
चोक्कर कहते हैं चुनाव के पाँच चरण के तहत कुल 1205 उम्मीदवार करोड़पति हैं। कांग्रेस में सबसे अधिक 261, भाजपा में 177 और बसपा में 147 प्रत्याशी करोड़पति हैं।
उन्होंने कहा कि यह परेशान कर देने वाला चलन है। ऐसा करके राजनीतिक दल अल्पसंख्या वाले दौलतमंद लोगों का पक्ष ले रहे हैं और चुनाव लड़ने से अधिक संख्या वाले कम संपन्न लोगों की भागीदारी हटा रहे हैं।