भारतीय राजनीति के मंच पर 1960 के उतरार्ध में कदम रखने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुदिनी जयपाल रेड्डी शानदार एवं प्रतिष्ठित सार्वजनिक जीवन वाले जीवट राजनेता हैं।
जयपाल रेड्डी (67 वर्ष) हैदराबाद स्थित ओस्मानिया विश्वविद्यालय छात्रसंघ के दो बार अध्यक्ष रहे और छात्र राजनीति से कदम आगे बढ़ाते हुए आंध्रप्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने। रेड्डी 1969 से 1984 के बीच महबूबनगर जिले में कालवकुर्थी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए चार बार विधायक निर्वाचित हुए।
आपातकाल का जबरदस्त विरोध करते हुए जयपाल रेड्डी ने कांग्रेस छोड़ दी तथा जनता दल में शामिल हो गए। रेड्डी विपक्ष के साझा उम्मीदवार के रूप में 1980 में इंदिरा गाँधी के खिलाफ मेडक लोकसभा सीट से चुनाव लड़े लेकिन दो लाख वोटों के भारी मतों के अंतर से पराजित हो गए।
रेड्डी ने 1984 में जनता दल के टिकट पर लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की और चार बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। वे दो बार राज्यसभा के भी सदस्य रहे।
जयपाल रेड्डी जुलाई 1992 से जून 1992 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे। सदन में गुणवत्तापूर्ण चर्चा के लिए रेड्डी को वर्ष 1998 में उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार प्रदान किया गया।
1997-98 में संयुक्त मोर्चा सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में रेड्डी ने दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो को स्वायत्तता प्रदान करने वाला प्रसार भारती विधेयक पेश किया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में ही रेड्डी ने भारत में नए एफएम चैनल खोलने और उनके विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संसद की कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू करने में भी जयपाल रेड्डी की अहम भूमिका रही।
संप्रग सरकार में शहरी विकास मंत्री के रूप में दिल्ली के मास्टर प्लान और हैदराबाद जैसे शहरों में मेट्रो रेल के विस्तार का श्रेय भी जयपाल रेड्डी को दिया जाता है।
हालिया चुनाव में जयपाल रेड्डी ने चेवेला लोकसभा सीट से जीत दर्ज की तथा अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी तेदेपा के एपी जीतेन्द्र रेड्डी को 19000 मतों से पराजित किया।
जयपाल रेड्डी का जन्म 16 जनवरी 1942 को आंध्रप्रदेश के महबूब नगर जिले के मादगुल गाँव में हुआ। उनके दो पुत्र और एक पुत्री है। अंग्रेजी में स्नातक रेड्डी ने ओस्मानिया विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की डिग्री हासिल की है।-भाषा