तमिलनाडु में नामांकन पत्र भरने के लिए उम्मीदवार कई निराले तरीके आजमा रहे हैं, जिनमें खून से सनी पट्टियाँ पहनना, बैलगाड़ी या साइकिल पर सवार होकर आना या जमानत राशि के लिए नोटों के बजाय सिक्कों की हंडिया लेकर पहुँचना शामिल है।
अनेक उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए नए-नए तरीके अपनाए हैं, जिसके चलते लोग अनायास ही मुस्कुरा पड़ते हैं। ऐसे उम्मीदवारों में अधिकांश निर्दलीय हैं।
डीएमडीके के अलग होकर निर्दलीय के रूप में चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करवाने आए देवदास ने चेन्नई निगम में चुनाव अधिकारी को उस समय सांसत में डाल दिया, जब वह जमानत राशि के तौर पर एक रुपये के दस हजार सिक्कों के साथ पहुँच गए।
डीएमडीके के संस्थापक और अभिनेता विजयकांत के टिकट न देने के फैसले से नाराज देवदास छह हंडिया लेकर पहुँच गए। अधिकारियों को इन सिक्कों को गिनने में ही दो घंटे लग गए।
कोयंबटूर जिले में निर्दलीय नूर मोहम्मद पोल्लाची सीट से अपना नामांकन भरने के लिए जब जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचे, तो वह परंपरागत वाहन बैलगाड़ी पर सवार थे।
हिन्दू मक्कल काच्चि के ए अन्नादुरै ने कोयंबटूर लोकसभा सीट से नामांकन भरने के मौके को श्रीलंका में रह रहे तमिलों की दुर्दशा का प्रदर्शन करने का माध्यम बना लिया। नामांकन के लिए जब वे चुनाव कार्यालय पहुँचे, तो उन्होंने अपने पूरे शरीर पर खून से सनी पट्टियाँ लपेट रखी थी।
तिरुनेलवेली संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार एस सैयद ईमाम जिलाधिकारी कार्यालय में अपना नामांकन भरने के लिए साइकिल पर सवार होकर पहुँचे।
इरोड सीट के लिए कोडुमुदी के गन्ना किसान एस कोवनम तिरुनेलवेली संसदीय सीट पर नामांकन के लिए हाथ में दो गन्ने लिए पहुँच गए।
लेकिन इस सूची में सबसे ऊपर तमिल फिल्म अभिनेता मंसूर अली खान का नाम होगा, जो निर्दलीय के रूप में तिरुचिरापल्ली से अपना नामांकन भरने के लिए एक रिक्शा चलाते हुए पहुँचे। उनके पीछे रिक्शे पर दो मजदूर बैठे थे। वे प्रतीकात्मक तरीके से गरीबों और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए काम करने की भावना का इजहार करना चाहते थे।