बसपा सुप्रीमो मायावती का देश के शीर्ष पद पर पहुँचने का सपना चकनाचूर हो गया है और हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने काफी खराब प्रदर्शन किया है।
बसपा ने इस चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल के मुकाबले सबसे अधिक 503 उम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन वह केवल 21 सीटें जीत सकी वह भी केवल उत्तरप्रदेश में। इस प्रकार बसपा की सफलता का आँकड़ा केवल 4.17 प्रतिशत है।
रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा भी सभी पार्टियों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली पार्टी रही और इस बार के चुनाव में उसका खाता तक नहीं खुल सका। पार्टी प्रमुख पासवान हाजीपुर से चुनाव हार गए। लोकसभा चुनाव के लिए लोजपा ने 80 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे लेकिन सभी को मुँह की खानी पड़ी।
वामदलों में राष्ट्रीय दर्जा खोने के कगार तक पहुँच चुकी भाकपा ने 81 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे जबकि केवल चार सीटें जीत पाई। इस प्रकार उसकी सफलता की दर 7.14 प्रतिशत रही।
लालूप्रसाद की अध्यक्षता वाली राजद ने 44 सीटों पर चुनाव लड़ा। पार्टी मुख्य रूप से बिहार और झारखंड में लड़ी लेकिन केवल चार सीटें ही जीत सकी। पिछले चुनाव में उसने 24 सीटें जीती थीं।
इस प्रकार राजद की सफलता की दर 9.09 प्रतिशत रही। राकांपा ने 65 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन केवल नौ सीटें ही जीत पाई। राकांपा की सफलता की दर 13.85 प्रतिशत रही।