प्रतिभा ज्योति
15वीं लोकसभा के चुनाव में दो महिलाओं ने मिलकर अपने विरोधियों को पटखनी दे दी है। एक तरफ जहाँ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के नेतृत्व में पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, वहीं दूसरी तरफ सोनिया का साथ लेकर तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने वामदलों को जोर का झटका दिया है।
लोकसभा में सुषमा स्वराज, मेनका गाँधी, मीरा कुमार, सुप्रिया सुले, जयाप्रदा, गिरिजा व्यास व प्रिया दत्त जैसी महिला नेता जीत हासिल कर संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने को तैयार हैं। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मारग्रेट अल्वा, पूर्व महिला और बाल विकास मंत्री रेणुका चौधरी को चुनाव में हार का मुँह देखना पड़ा है।
ममता की पटखनी : तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी वामदलों की धुर विरोधी हैं और प. बंगाल में पिछले साल उनके आंदोलन के चलते ही टाटा को नैनो कार को सिंगुर से बाहर ले जाने पर बाध्य होना पड़ा। इस चुनाव में तृणमूल ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके ऐसी पटखनी दी है कि वामदलों को अब अगले चुनाव के लिए अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है।
* चुनाव में जीत हासिल करने वालों में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास का नाम भी प्रमुख है। 1991 में उन्होंने उदयपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया।
* कांग्रेस का दलित चेहरा मीरा कुमार ने भी बिहार के सासाराम से लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है।
* एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रीया सुले इस लोकसभा चुनाव में युवा महिलाओं का प्रतिनिधित्व करेंगी।
* प्रिया दत्त ने भी इस चुनाव में कामयाबी हासिल की है।
* उन्नाव लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अन्नू टंडन ने जीत हासिल की है।
* रामपुर सीट से फिल्म अभिनेत्री और सपा उम्मीदवार जयाप्रदा को इस चुनाव में कई मुश्किलों के बाद जीत हासिल हुई।
देखना पड़ा हार का मुँह : कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मारग्रेट अल्वा को इस चुनाव में हार का मुँह देखना पड़ा है। पूर्व महिला और बाल विकास मंत्री रेणुका चौधरी आंधप्रदेश के खम्मम से हार गई हैं। लखनऊ से अभिनेत्री नफीसा अली को निराशा हाथ लगी है। दिल्ली से भाजपा की मीरा कांवरिया, लखनऊ से कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी, रामपुर से कांग्रेस की नूर बानो, पूर्व सांसद पप्पू यादव की पत्नी रंजीता यादव भी बिहार के सुपौल से चुनाव हार गई हैं।