Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

समाजवाद से मुक्त बाजार तक का सफर

हमें फॉलो करें समाजवाद से मुक्त बाजार तक का सफर
नई दिल्ली , रविवार, 24 मई 2009 (10:59 IST)
कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की लगातार दूसरी सरकार में फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले कमलनाथ ने स्वर्गीय संजय गाँधी के सौजन्य से राजनीति में प्रवेश किया था।

कमलनाथ प्रारंभ में समाजवादी विचारों में भरोसा रखते थे पर आज वे हर उस चीज का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो मुक्त बाजार की ओर ले जाती है।

नाथ ने मध्यप्रदेश के पिछडे़ और आदिवासी अंचल के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से आठ बार चुनाव जीता है। वर्ष 2004 में गठित पहली संप्रग सरकार मे उन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री बनाकर देश की मुक्त बाजार छवि को विश्व के सामने पेश करने का जिम्मा सौंपा गया।

उन्होंने 2006 में एक टेलीविजन को दिए साक्षात्कार में कहा था कि कोई हृदय परिवर्तन नहीं हुआ है। स्पष्ट तौर पर समय में बदलाव हुआ है। हमें 50 और 60 के दशक में कुछ ऐसी चीज चाहिए थीं जो सुदृढ़ता प्रदान कर सकें इसलिए यह उदारवाद उसी से प्राकृतिक रूप से निकला है। नाथ ने विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) की वकालत की।

सेज एक विशेष शुल्क रियायत प्राप्त औद्योगिक गलियारा होता है, जो राजस्व की दृष्टि से विदेशी क्षेत्र की तरह माना जाता है। सेज से राजस्व हानि को लेकर वित्त और वाणिज्य विभाग में तनातनी भी चलती रही।

मंदी के दौर में सेज योजना को प्रोत्साहित करना नई सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी। कई सेज डेवलपर अर्थव्यवस्था में मंदी और नकदी के संकट के कारण सेज परियोजनाओं से हटने की अनुमति माँगने लगे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi