लड़कियों, थोड़ी सी बदल जाओ यार। ये लड़के कितनी हँसी उड़ाते हैं जब डेट पर तुमसे मिलकर आते हैं। पेश है, आपके लिए खास स्मार्ट टिप्स। क्या करें कि आपका ब्वॉयफ्रेंड आपका दीवाना हो जाए और क्या ना करें कि दुम दबा कर भाग जाए :
डोंट चैंज मी यार लड़कों को सबसे ज्यादा गुस्सा इस बात पर आता है कि लड़कियाँ उन्हें बदलने की कोशिश करती है। जब पहली बार उनके साथ हों या अकेले में क्वॉलिटी टाइम बिताएँ तब बात-बात पर मत टोकिए। उन्हें ऐसा न लगें कि आप उनकी टीचर हैं। वे चाहते हैं कि जैसे वे हैं, वैसे ही उन्हें स्वीकार किया जाए। भले ही यह बात वे खुलकर न कह पाएँ।
उफ, कितना कन्फ्यूजन प्यार करती भी हैं और नहीं भी करती हैं। यह कभी हाँ, कभी ना वाली सिचुएशन लड़कों को इरिटेट करती है। एक बार अगर स्वीकार कर लिया कि दोनों के बीच प्यार-व्यार जैसा कुछ है तो फिर डाइलेमा क्रिएट ना करें। बीच-बीच में यह ना दर्शाएँ कि गलत निर्णय ले लिया है, चलो फिर लौट चलें पीछे। जब डेट पर जाएँ तब पूरे होशोहवास में उसी समय में रहें। यह नहीं कि फ्यूचर की बिना मतलब की चिंता में सारी डेट का सत्यानाश कर बैठें। फ्यूचर की चिंता जरूरी है लेकिन उसके लिए बेचैनी ना जताएँ बल्कि पूरी गंभीरता से सोचें अपने पार्टनर को परखें।
डोंट बी सीरियस यार! डेट का मतलब, शिकवे-शिकायत, लड़ाई-झगड़ा़ रूठना-मनाना तो कतई नहीं है। बड़ी मुश्किल से आप दोनों अपना समय चुरा कर एक-दूजे से मिलने पहुँचे हैं। अगर एक-दूसरे के विरूद्ध ढेर सारी बातें कहने की हैं भी तो अंदाज सॉफ्ट रखिए। हो सकें तो अपनी बात को कुछ यूँ रखिए कि 'देखो, उस दिन तुमने जो किया उस पर मुझे कुछ कहना है लेकिन मैं नहीं चाहती कि अपनी डेट खराब हो इसलिए आज उस बात को मैं पेंडिंग रख रही हूँ पर हाँ नेक्स्ट टाइम अगर यह रीपिट हुआ तो शायद डेट पर ही लड़ बैठूँ।' आपका साथी आपकी इस मासूमियत पर फिदा हो जाएगा।
इस बार इतना ही एक ही डेट पर जमाने भर की पोटली खोलकर ना बैठ जाएँ। हर डेट के लिए कुछ नया होना चाहिए। अपनी उलझनों को तब ही रखें जब वह आपसे पूछे। उसे सुनिए ज्यादा और बोलिए कम। एकदम चुप्पी भी अच्छी नहीं। पर हाँ, हर बार का डोज डिसाइड होना चाहिए। स्माइल भी बिना मतलब ना खर्च करें संतुलित और संयमित स्माइल का जादू देर तक रहता है। बिना मतलब की हँसी वह झेल तो लेगा लेकिन कहीं ना कहीं आपको लेकर वह शंकित हो सकता है कि आप नकली तो नहीं?