नए रिश्तों से खुश होना ही ठीक
मानसी
हेलो दोस्तो! यदि किसी से सीधा प्रश्न किया जाए कि आप खुश हैं? तो ज्यादातर लोगों का यही उत्तर आएगा कि "नहीं"। "नहीं" के साथ ही लंबा-चौड़ा विश्लेषण भी होगा कि खुशी सबको कहाँ नसीब है। इस दुनिया की रीत निभाने के लिए जीना ही पड़ता है। या फिर एक उल्टा सवाल जड़ दिया जाएगा कि खुशी से आपका मतलब क्या है? आपकी नजर में खुशी की परिभाषा क्या है? यदि आपका पैमाना दौलत-शोहरत से है तो शायद मैं दुनिया की नजर में खुश हूँ। पर हकीकत में ऐसा नहीं है। सच तो यह है कि खुश नहीं रहने की हमारे पास हजारों वजहें हैं और सबसे बड़ी वजह है हमारा नजरिया।यह हमारा दृष्टिकोण ही है जो हमें खुश नहीं रहने देता। अमूमन ये दृष्टिकोण हमेशा तुलनात्मक होते हैं। हर समय हर बात में हम दूसरों की तुलना किए बिना नहीं रहते और यही हमारी असंतुष्टि और असहजता का कारण बनता है। श्याम बंसल (बदला हुआ नाम) अपनी पूर्व दोस्त की खुशी को देखकर परेशान रहते हैं। दोनों तीन वर्ष तक प्रेम करते हुए एक साथ रहे। फिर श्याम की दोस्ती किसी अन्य से हो गई और उन्होंने अपनी पुरानी दोस्त को छोड़कर नई दोस्त के साथ जीवन बिताने का सोचा। हर रिश्ते में अलगाव के जो दर्द होते हैं वह यहां भी हुआ। फिर श्याम की पुरानी दोस्त ने इस सच्चाई को स्वीकार किया और श्याम से पूरी तरह दूर हो गई।श्याम नए रिश्ते में मस्त हो गए पर कुछ ही महीने बाद उनका आपस में झगड़ा होने लगा। उन्हें महसूस होने लगा कि उसकी पुरानी दोस्त उन्हें ज्यादा समझती थी। धीरे-धीरे श्याम अपनी नई दोस्त से दूर होते गए और अपनी पुरानी दोस्त से दुबारा संपर्क करना चाहा। पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। श्याम की पुरानी दोस्त किसी और से प्रेम करने लगी थी। वह खुश थी और उसे जीवन से कोई शिकायत नहीं थी। अब श्याम दिन-रात पुरानी दोस्त की खुशी के बारे में सोचकर बीमार रहने लगे हैं। अपनी असफलता से ज्यादा उन्हें अपनी दोस्त की सफलता का डंक चैन से जीने नहीं देता है। यह उनकी कल्पना के बाहर है कि उनकी मर्जी का इतना ख्याल रखने वाली उसकी दोस्त आज उसके बिना कैसे इतनी आत्मनिर्भर और संतुष्ट है। आखिर ऐसा उसे क्या मिल गया है जो वह पीछे मुड़कर देखना नहीं चाहती है।श्याम को लगता है कि इतनी आत्मविश्वास से भरी हुई पहले वह कभी नहीं दिखी। उसके सामने पड़ते ही श्याम असहज से हो उठते हैं। अपनी दोस्त की सहजता और उसके प्रति बिना किसी दुर्भावना के संतुलित व्यवहार उसे भीतर तक तिलमिला देता है। उन्हें लगता है काश ऐसा हो कि उसका रिश्ता टूट जाए। वह मेरे बिना खुश न रहे पर श्याम को पता है कि उनकी हजार प्रार्थनाओं के बावजूद ऐसा नहीं होगा क्योंकि उनकी दोस्त में एक प्रकार की ईमानदारी, सब्र, किसी को संपूर्णता में अपनाने की क्षमता उसके रिश्ते की पांव तले मजबूत जमीन देती है। वह अपने-आपसे खुश रहती है। उसे खुद पर कोफ्त नहीं होती और न ही वह अपने फैसले से शर्मिंदा होती है। वह किसी का बुरा नहीं चाहती इसलिए कभी अपने नजरों से नहीं गिरती है। उसका मनोबल हमेशा बना रहता है। श्याम अपनी दोस्त की इन्हीं खूबियों से घबराए रहते हैं और अपने किए के कारण खुद को कोसते रहते हैं। उन्हें घुटन होती है कि दुनिया उनके बारे में क्या सोचती होगी।श्याम जी, आपको पता है कि आपकी दोस्त अब लौटकर कभी आपके पास नहीं आने वाली हैं। फिर भी आप उसी पुराने रिश्ते के उधेड़बुन में जुटे रहते हैं। मजेदार बात यह है कि आज भी आपकी गाड़ी उसी पुराने स्टेशन पर जाकर अटक गई है जहां से आपने अपना रास्ता बदला था। हर रिश्ते में दोनों व्यक्तियों का योगदान होता है। पर यदि एक व्यक्ति यह सोचने लगे कि पूरा योगदान केवल उसी का है तो न केवल उस रिश्ते से असंतुष्टि महसूस होती है बल्कि यूं लगता है कि उसका इस्तेमाल हो रहा है। जो व्यक्ति रिश्ते के प्रति अपना पूरा फर्ज निभाता है वह निश्चिंत भाव से जीता है। रिश्ता टूटने पर भी उसे अधिक ग्लानि नहीं होती है। ऐसे में नए रिश्ते में पड़ने पर भी वह उसे भी उसी गंभीरता से निभाना शुरू करता है।श्याम जी, आप अपनी जिंदगी के बारे में सोचें। यदि आप अपनी पुरानी दोस्त की खुशी से आहत होंगे तो पूरे जीवन मानसिक पीड़ा से ग्रस्त हो जाएंगे। हो सकता है आपकी दोस्त को मीठा अच्छा लगता हो और आपको नमकीन। उस समय आप अपने स्वादानुसार ही खाते थे न। उसी प्रकार अपने मन के अंदर झांकें और अपनी पसंद का काम करें। यदि वही आपकी पसंद होती तो आप किसी कीमत पर अलग नहीं होते। कोई तो बात होगी न जिसके कारण आपका दिल किसी और पर आ गया।ठीक है वह रिश्ता नहीं चला इसका मतलब यह नहीं है कि आपका फैसला गलत था। अच्छा है कि आपकी पुरानी दोस्त खुश है, नहीं तो आपके मन पर उसका जीवन दुखी करने का भी गम होता। अपना ध्यान केवल अपने आप पर केंद्रित करें। हो सके तो कोशिश करें कि आपका, आपकी पुरानी दोस्त से सामना न हो और न ही उसके बारे में किसी अन्य से जानने की कोशिश करें। उससे बनाई गई दूरी आपके लिए बहुत फायदेमंद होगी। किसी और की खुशी से अपनी खुशी का पैमाना तय नहीं करें।