लव गार्डन में एक जोड़ा रोमांटिक अंदाज में बैठा हुआ था। बाँहों में बाँहें, आँखों में आँखें, साँसों में साँसें। जब पन्नूजी वहाँ से निकले, तो उनसे देखा नहीं गया, बोल ही पड़े- 'देखिए आप लोग ऐसे 'घुल-मिलकर' बैठे हैं। कहिए तो यहाँ घूमने वाले बच्चों पर क्या असर पड़ेगा'
प्रेमी महोदय बोले- 'डोंट वरी सर! हम लोग पति-पत्नी हैं।'
पन्नूजी बोले- 'तो फिर घर में जाइए ना।'
प्रेमिकाजी बोलीं- 'लेकिन वहाँ इस तरह बैठने पर इनकी पत्नी और मेरे पति पर क्या असर पड़ेगा?'