टीना का करीब होना अच्छा लगता था
टीना मुनीम से मुलाकात फिल्म के सेट पर हुई थी। वह मेरा ऑटोग्राफ लेने आई थी। मैंने पूछा- 'क्या आप बॉम्बे से हैं?' हाँ, उसने कहा। स्कूल जाती हो। टीना ने कहा अब नहीं। मैं अरूबा में थी और मैंने मिस फोटोजेनिक का खिताब जीता है। फिर तुम्हें भी मुझे ऑटोग्राफ देना होगा। क्या करना चाहती हो? मैंने कुछ सोचा नहीं है टीना ने कहा। मैंने पूछा क्या फिल्मों में जाने के बारे में कभी सोचा है? आई डोंट केयर, टीना ने कहा और जब मैंने उससे स्क्रीन टेस्ट पर आने के लिए कहा तो वह मान गई। मैंने फिल्म 'देस परदेस'की नायिका को चुन लिया था। टीना का करीब होना अच्छा लगता था। ऐसा लगता था कि बुलबुले वाली रेड वाइन आपको परोस दी गई हो। टीना खूबसूरत, मसखरी लड़की थी, जिसे सभी पसंद करते थे।कुछ यादें, कुछ बातें* आपात काल के दौरान देव आनंद व दिलीप कुमार को दिल्ली में यूथ कांग्रेस की रैली में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। इसके बाद
टेलीविजन पर दोनों को संजय गाँधी के बारे में अच्छा बोलने के लिए कहा गया। देव आनंद ने साफ मना कर दिया और इसके बाददेव आनंद की फिल्में व खबरें टेलीविजन व अन्य सरकारी माध्यमों में आना बंद हो गई थीं।
* राम जेठमलानी ने देव आनंद से जयप्रकाश नारायण के लिए एक रैली को संबोधित करने के लिए कहा था। सम्पूर्ण फिल्म इंडस्ट्री इंदिरा गाँधी की ओर थी और मैं एक तरफ था। मैंने एक रात्रि का समय माँगा और वह रात मेरे जीवन की सबसे कठिन रातों में से थी। दूसरेदिन मैंने तय किया कि मैं रैली में जाऊँगा। रैली में जाकर मैंने सही किया और चुनाव में जनता पार्टी सबसे आगे रही।
* मुमताज भी देव आनंद के रूप की कायल थी। फिल्म 'तेरे मेरे सपने' के सेट पर जब मुमताज को यह पता पड़ा कि देव नेपाल में कोई फिल्म करने जा रहे हैं, तब उसने देव से कहा कि वे भी फिल्म करना चाहती हैं। फिल्म 'हरे रामा हरे कृष्णा' के लिए जब मैंने उसे बहनके किरदार के बारे में बताया तब मुमताज बोली किसी भी लड़की के लिए यह रोल गजब का है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं तुम्हारी बहन का रोल करना चाहूँगी। मुमताज ने अपने जवाब के साथ यह भी कहा कि क्योंकि देव जब तुम मेरे करीब होते हो तो मेरे अंदर बहनजैसे भाव नहीं उठते। मैंने कहा कि मेरे साथ रोमांटिक लीडिंग लेडी बनना चाहोगी? मुमताज ने स्टाइल के साथ जवाब दिया इजाजत है।