Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हिटलर की प्रेमिका ईवा ब्राउन की डायरी

हमें फॉलो करें हिटलर की प्रेमिका ईवा ब्राउन की डायरी
NDND
हिटलर का नाम सुनते ही कईयों की रूह काँप जाती है। द्वितीय विश्व युद्ध के इस खलनायक को लोग पत्थर दिल मानते हैं। कहते हैं उसके भीतर नफरत का लावा उबलता था। क्या इस गर्म लावे के बीच भी उस पत्थर-से दिल में कोई फूल खिला था? जी हाँ, हिटलर ने रोमांस किया था ईवा ब्राउन से। विश्व युद्ध समाप्ति के पश्चात ईवा ब्राउन की एक डायरी मिली जिसमें उसने अपनी सामान्य मनोभावनाओं को व्यक्त किया है। मगर बातों ही बातों में यह झलक जाता है कि एक विचित्रमना कट्टरपंथी किंतु दुस्साहसी व्यक्ति की प्रेमिका होने पर क्या मानसिक अवस्थाहोती है। पढ़िए डायरी के कुछ अनूदित अंश :

फरवरी 6, 1935
आज मैं तेईस साल की खुशनुमा उम्र में पहुँच गई हूँ। मगर खुशनुमा शब्द का इस्तेमाल करना कुछ बहुत सही नहीं होगा। इस पल तो मैं निश्चित ही खुश नहीं हूँ। मेरे पास एक पालतू कुत्ता होता तो मैं शायद इतना अकेला महसूस नहीं करती, ओह पर ये तो मैं कुछ ज्यादा ही चाहरही हूँ।

फरवरी 11, 1935
वह (हिटलर) मुझसे मिलने आया था। मगर उसने यह तक न पूछा कि जन्मदिन हेतु मुझे क्या तोहफा चाहिए था। अतः मैं खुद के लिए ही थोड़ी ज्वेलरी ले आई। 50 मार्क (जर्मन मुद्रा) में गले का हार, कान के कुंडल और मैचिंग की अँगूठी मिल गई। सारी चीजें बहुत सुंदर हैं। उम्मीद करती हूँ कि 'उसे' यह सब पसंद आएँगी। यदि नहीं आती तो उसे खुद मेरे लिए कुछ लाना चाहिए।

फरवरी 18, 1935
कल शाम वह अचानक ही आ गया था। हमारी शाम बेहद हसीन रही। वह मुझे एक छोटा सा घर दिला सकता है। यह कितना अद्भुत होगा। पर मुझे पहले से ही खुश नहीं होने लगना चाहिए... क्या पता... हे भगवान सचमुच ऐसा हो जाए, वह भी जल्द ही। फिर मुझे एक शॉप गर्ल की तरह नहींरहना होगा। मैं कितनी खुश हूँ, वो मुझे कितना चाहता है। मैं प्रार्थना करती हूँ वो हमेशा ही मुझे चाहे।

... पर मैं इतनी नाखुश भी हूँ, इस बारे में मुझे उसे नहीं लिखना चाहिए। क्या पता वो समझ बैठे कि मैं शिकायत कर रही हूँ।

वह शनिवार को आया था। शनिवार की शाम साथ बिताने के बाद मैंने उससे 'टाउन बॉल' में जाने की अनुमति माँगी थी। उसने अनुमति दे दी थी। वह अगले दो हफ्तों तक नहीं आने वाला। तब तक मुझ में बहुत मायूसी और बेचैनी रहेगी। हो सकता है उसे कुछ काम हो... हो सकता है वह नाराज हो क्योंकि मैं बॉल में गई थी। पर मैंने उसकी अनुमति तो ले ली थी।

मार्च 11, 1935
मैं बस एक ही चीज चाहती हूँ। मैं बहुत गंभीर बीमार पड़ जाऊँ और 'उसके' बारे में मुझे कम से कम एक हफ्ते तक कोई खबर न हो। मुझे ये सब क्यों सहन करना पड़ रहा है? काश मैंने उससे प्रेम न किया होता। मैं कुछ और स्लीपिंग पावडर खरीद कर अर्ध बेहोशी की अवस्थामें चली जाना चाहती हूँ।

मैंने कार्लटन के समीप तीन घंटे तक उसका इंतजार किया लेकिन उसे ऑन्ड्रा के लिए फूल खरीदते देखा। लगता है उसे मेरी कुछ खास चीजों के लिए जरूरत होती है अन्यथा नहीं। जब वह कहता है कि वह मुझे प्यार करता है तो वह शायद उस लम्हे भर का सच होता है। वह मुझे इतनी यंत्रणा क्यों देता है। एक झटके से ही प्यार की डोर क्यों नहीं तोड़ देता?

मार्च 16, 1935
उसे राजनीति का इतना काम रहता है कि वह मुझमें खास दिलचस्पी नहीं लेता।

अप्रैल 1, 1935
कल उसने मुझे डिनर पर बुलाया था। मैं उसके साथ तीन घंटे तक बैठी रही, पर हमने एक शब्द बातचीत नहीं की। अंत में उसने मुझे पैसों का एक लिफाफा थमाया जैसे हमेशा थमाता है। यदि उसने लिफाफे के साथ प्यार भरे दो शब्द भी अटैच कर दिए होते तो यह बेहतर होता।

डायरी लंबी है। लेकिन जितने अंश ऊपर दिए गए हैं उनसे उस महिला की असमंजस पूर्ण मनोदशा का पता चलता है जो हिटलर की प्रेमिका थी। अंतिम क्षणों में बंकर में छुपे हुए हिटलर और ईवा ने शादी कर ली थी और एक साथ ही स्वेच्छापूर्ण मृत्यु का वरण किया था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi