30 नवंबर को वर्ष 2020 का अंतिम चंद्रग्रहण लगेगा, इस दिन कार्तिक पूर्णिमा पर्व भी मनाया जाएगा। इस बार का चंद्र ग्रहण रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में पड़ रहा है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को पड़ने वाला यह ग्रहण कुल 04 घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक रहेगा, जबकि, 3.13 मिनट पर यह ग्रहण अपने चरम पर होगा। इसी दिन गुरु नानक देव जी की जयंती भी मनाई जाएगी। कई मामलों में होगा विशेष होने के कारण यह दिन महत्वपूर्ण हो गया है।
हिन्दू धर्म के अनुसार ग्रहण के समय कुछ सावधानियां अवश्य रखनी चाहिए। चंद्रग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा एवं पृथ्वी एक ही क्रम में होते हैं, जिसके कारण चंद्रग्रहण लगता है। ग्रहण के बाद नियम पालन तथा दान का विशेष महत्व माना जाता है। ग्रहण के बाद कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव दूर होते हैं तथा दुर्घटनाओं से बचाव होता हैं।
आइए जानते हैं सावधानी, ग्रहण के दौरान एवं बाद में किए जाने वाले खास कार्य एवं नियम-
ग्रहण में रखें ये 8 सावधानियां-
* बालों व कपड़ों को नहीं निचोड़ें।
* दातून न करें।
* कठोर व कड़वे वचन (बोल) न बोलें।
* घोड़ा, हाथी की सवारी न करें।
* ग्रहण काल में वस्त्र न फाड़ें, कैंची का प्रयोग न करें, घास, लकड़ी एवं फूलों को न तोड़ें।
* गाय, बकरी एवं भैंस का दूध दोहन न करें।
* शयन व यात्रा न करें।
* यदि तीर्थ स्थान का जल न हो तो किसी पात्र में जल लेकर तीर्थों का आवाहन करके सिर सहित स्नान करें, स्नान के बाद बालों को न निचोड़ें।
ग्रहण के 11 खास नियम एवं दान-
* ग्रहण के मोक्ष के बाद तीर्थ में गंगा, जमना, रेवा (नर्मदा), कावेरी, सरजू अर्थात किसी पवित्र नदी, तालाब, बावड़ी इत्यादि में स्नान करना चाहिए।
* ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर नए कपड़े पहने फिर कुछ दान करें।
* चंद्र ग्रहण के दौरान और बाद में चंद्रमा से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए।
* यदि यह संभव न हो तो घर के जल में तीर्थ जल डालकर स्नान करें। स्नान के पश्चात देव-पूजन करके, दान-पुण्य करें व ताजा भोजन करें।
* ग्रहण या सूतक के पहले बनी वस्तुओं में तुलसी दल या कुशा डालकर रखना चाहिए।
* घर में खुशनुमा माहौल बनाए रखने के लिए तुलसी के पौधे के पास दीपक जरूर जलाना चाहिए।
* घर के मंदिर में पांच सफेद सामग्री अर्पित करें।
* ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल डालकर शुद्धि करें।
* ग्रहण खत्म होने पर घर के पास मौजूद किसी मंदिर में पूजा कर दान करें।
* ग्रहण खत्म होने पर गाय को रोटी खिलाने से अच्छा फल प्राप्त होता है।
* मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ग्रहण खत्म होने के बाद इन्द्र देव की पूजा करने का भी विधान है।
ग्रहण की नकारात्मकता का तेज बहुत अधिक होता है, इसलिए उनसे बचाव के लिए उपरोक्त सावधानियां एवं नियम एवं दान-पुण्य करना आवश्यक होता है।