Lunar Eclipse 2021 19 नवंबर 2021, शुक्रवार को कार्तिक मास की पूर्णिमा की तिथि के दिन चंद्र ग्रहण ( chandra grahan 2021 ) लगने जा रहा है। यह ग्रह भारत में कहां दिखाई देगा, सूतक काल ( Sutak Kaal ) मान्य है या नहीं, आओ जानते हैं चंद्रगहण से जुड़ी 10 जरूरी बातें।
चंद्र ग्रहण का प्रभाव ( Lunar Eclipse effect )
1. यह है उपच्छाया ग्रहण : ज्योतिषियों के अनुसार यह उपच्छाया चंद्रग्रहण है जिसे खंडग्रास और आंशिक चंद्रग्रहण ( Chandra Grahan 2021 ) भी कहा जा रहा है। 19 नवंबर के आंशिक चंद्र ग्रहण के 15 दिन बाद 4 दिसंबर 2021 पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा।
2. कहां दिखाई देगा : कहा जा रहा है कि यह ग्रहण कनाडा, पूर्वी एशिया, उत्तरी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तर-दक्षिण अमेरिका और प्रशांत क्षेत्र में दिखाई देगा। भारत में ये आंशिक चंद्र ग्रहण पूर्वोत्तर के अरुणाचल और असम के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
3. सूतक काल नहीं होगा मान्य : चूंकि भारत में यह चंद्रग्रहण उपच्छाया ग्रहण के रूप में दिखाई देगा, इसलिए यहां इसका सूतक मान्य नहीं होगा। हालांकि जहां पर यह दिखाई देगा वहां पर मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और सूतक मान्य होगा। जहां नहीं दिखाई देगा वहां पर उचित नियमों का पालन करना होगा।
4. 580 साल बाद सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण : नासा के अनुसार ये मौका 580 साल बाद आया है जबकि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में ये सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण ( anshik chandra grahan 2021 ) देखा जा सकेगा। इससे पहले इतना लंबा चंद्रग्रहण 18 फरवरी 1440 को हुआ था और अब संभवत: 8 फरवरी, 2669 में होगा।
5. कितने समय तक दिखाई देगा चंद्र ग्रहण : ये आंशिक चंद्र ग्रहण धरती पर 18 और 19 नवंबर की दरमियानी रात होगा। भारत में इसकी शुरुआत 19 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट से होगी और ये 4 बजकर 17 मिनट तक दिखाई देगा, जिसकी अवधि 3 घंटे 28 मिनट और 24 सेकेंड रहेगी।
6. होंगी ये राशियां प्रभावित : इस चंद्र ग्रहण से वृषभ, सिंह, वृश्चिक और मेष पर ( zodiac signs ) नकारात्मक और तुला, कुंभ और मीन पर सकारात्मक असर पड़ने वाला है।
7. वृषभ, वृश्चिक और मेष : इस बार का चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगने जा रहा है। अत: वृषभ राशि, वृश्चिक राशि और मेष राशि के लिए यह ग्रहण अच्छा नहीं माना जा रहा है।
8. तुला, कुंभ और मीन : तुला राशि, कुंभ राशि और मीन राशि के लोगों को इस चंद्रग्रहण के अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
9. सिंह राशि : चंद्र ग्रहण सूर्य के कृत्तिका नक्षत्र में लग रहा है। अत: कृत्तिका नक्षत्र में जिन लोगों का जन्म हुआ है, उन्हें सावधानी बरतने की जरूरत है। कृतिका नक्षत्र का स्वामी सूर्य है और सूर्य कि राशि सिंह होने के कारण सिंह राशि वाले भी इसे प्रभावित होंगे।
10. भूकंप : जब भी कोई ग्रहण पड़ता है या आने वाला रहता है तो उस ग्रहण के 40 दिन पूर्व तथा 40 दिन बाद अर्थात उक्त ग्रहण के 80 दिन के अंतराल में भूकंप कभी भी आ सकता है। कभी कभी यह दिन कम होते हैं अर्थात ग्रहण के 15 दिन पूर्व या 15 दिन पश्चात भूकंप आ जाता है। ग्रहण के कारण वायुवेग बदल जाता है, धरती पर तूफान, आंधी का प्राभाव बढ़ जाता है। ऐसे में धरती की भीतरी प्लेटों पर भी दबाव बढ़ता है और और आपस में टकराती है।