चंद्रग्रहण 5 जून की रात 11 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा जो 6 तारीख को 2 बजकर 34 मिनट पर खत्म होगा। यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
हिन्दू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के बाद दान का विशेष महत्व माना जाता है। चंद्रग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा एवं पृथ्वी एक ही क्रम में होते हैं, जिसके कारण चंद्रग्रहण लगता है। ग्रहण के बाद कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव दूर होते हैं।
ग्रहण के बाद दान से दुर्घटनाओं से बचाव होता हैं। ग्रहण की नकारात्मकता का तेज बहुत अधिक होता है , इसलिए उनसे बचाव होना बहुत आवश्यक होता है।
4 दान
1.चावल
चावल को अक्षत भी कहा गया है जिसका सम्बन्ध चंद्रमा से होता है। शुभ कार्यों से पहले सदैव अक्षत का प्रयोग किया जाता है। ग्रहण के बाद चावल का दान करने से घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती है।
2. दूध
चंद्रग्रहण के पश्चात दूध का दान करने से माता लक्ष्मी और भगवान नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार दूध का विशेष महत्व चंद्रमा के साथ माना गया है।
3.शक्कर
शक्कर के दान से इष्ट देवी-देवताओं के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
4.चांदी
चांदी का दान बहुत विशेष होता है। इससे व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि एवं धन-वैभव से सम्पन्नता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दान के 5 शुभ फल :-
मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
धन का आगमन होता है।
विकट समस्याओं का समाधान प्राप्त होगा।
सुख शांति का वातावरण होगा।
यश, बल, एवं मानसिक शक्ति प्राप्त होती है ।
8 काम की बातें
चंद्र ग्रहण के दौरान और बाद में चंद्रमा से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर नए कपड़े पहने फिर कुछ दान करें।
ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल डालकर शुद्धि करें।
ग्रहण खत्म होने पर घर के पास मौजूद किसी मंदिर में पूजा कर दान करें।
ग्रहण खत्म होने पर गाय को रोटी खिलाने से अच्छा फल प्राप्त होता है।
मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ग्रहण खत्म होने के बाद इन्द्र देव की पूजा करने का भी विधान है।
घर में खुशनुमा माहौल बनाए रखने के लिए तुलसी के पौधे के पास दीपक जरूर जलाना चाहिए।
5 सफेद सामग्री घर के मंदिर में अर्पित करें...