Lunar eclipse 2024: 17 या 18 सितंबर, कब है चंद्र ग्रहण? भारत में दिखाई देगा या नहीं, नोट कर लें सूतक काल और उपाय
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण कहां आएगा नजर, जाने सूतक काल कब लगेगा
Lunar eclipse : वर्ष 2024 में कुल 4 ग्रहण हैं। जिसमें पहला 25 मार्च को उपच्छाया चंद्र ग्रहण था और 08 अप्रैल को खग्रास सूर्य ग्रहण लगा था। अब इस साल का तीसरा ग्रहण चंद्र ग्रहण रहेगा जो कि 18 सितंबर को सुबह लगेगा। आओ जानते हैं कि यह ग्रहण कब से कब तक रहेगा और कहां नजर आएगा। इसका सूतक काल मान्य होगा या नहीं और क्या है चंद्र ग्रहण के उपाय।
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उपच्छाया चंद्र ग्रहण : 18 सितंबर बुधवार जो चंद्र ग्रहण रहेगा उसे उपच्छाया और खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है।
उपच्छाया चंद्र ग्रहण क्या है?
कई बार ऐसी स्थिति होती है कि पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया ही चंद्रमा पर पड़ती है जिससे चंद्रमा की सतह धुंधली और मध्यम सी प्रतीत होने लगती है। इसमें चंद्रमा का कोई भी भाग ग्रसित नहीं होता और काला नहीं होता केवल उसकी छाया ही मालिन प्रतीत होती है। ऐसी स्थिति को हम उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं। इसलिए इससे ग्रहण नहीं माना जाता है। यह ग्रहण यदि नजर भी आए तो इसका सूतक नहीं माना जाता है।
चंद्र ग्रहण का समय : भारतीय समयानुसार यह चंद्रग्रहण सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। स्थानीय समय में भेद होने के कारण प्रारंभ और समापन के समय में घटबढ़ हो सकती है। इस समय में धरती के जिन क्षेत्रों में रात होगी वहां यह ग्रहण नजर आएगा।
कहां नजर आएगा यह ग्रहण : यह ग्रहण यूरोप, मध्य एशिया, अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक समुद्री क्षेत्र, हिंद महासागर, आर्कटिक तथा अंटार्कटिका में दिखाई देगा। तुर्की के अंकारा, इंग्लैंड के लंदन, मिस्र के काहिरा, फ्रांस के पेरिस, संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क और लॉस एंजिल्स, रूस के मास्को और दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में यह ग्रहण दिखाई देगा।
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भारत में नजर नहीं आएगा यह चंद्र ग्रहण : 18 सितंबर की सुबह लगने वाला यह चंद्रग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। इस खगोलीय घटना से भारत के खगोलप्रेमी वंचित रहेंगे तथा इस दृश्य को निहार नहीं सकेंगे।
सूतक काल : इस चंद्रग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा क्योंकि यहां पर यह ग्रहण दृश्यमान नहीं है। परंतु, उन जगहों पर सूतक काल मान्य होगा जहां पर यह दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण प्रारंभ होने से पूर्व लगभग तीन पहर पूर्व ही सूतक प्रारंभ हो जाता है। यानी लगभग 9 घंटे पूर्व से उसका सूतक काल प्रारंभ हो जाता है और सूतक काल का समापन चंद्र ग्रहण के मोक्ष यानी कि चंद्र ग्रहण के समापन के साथ ही हो जाता है।
चंद्रग्रहण के लिए उपाय:- chandra grahan dosh ke upay
2. ग्रहण के दौरान धार्मिक और प्रेरणादायक पुस्तकों को पढ़ना चाहिए।
3. ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देव के मंत्रों के जाप करना चाहिए।
4. ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
5. ग्रहण समाप्ति के बाद किसी गरीबों को दान करना चाहिए। मेहतर को नई झाड़ू और सिक्का दान करना चाहिए।