मध्यप्रदेश में पांचवी बार सत्ता में वापसी के लिए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा ने 3-S का फॉर्मूला तैयार किया है। 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों से सबक लेते हुए अपने गढ़ को सुरक्षित रखने के लिए सरकार, संगठन के साथ अब संघ भी पूरी तरह से चुनावी मैदान मे आ डटा है।
चुनावी मोड में सरकार-चुनाव से छह महीने प्रदेश में भाजपा सरकार पूरी तरह से चुनावी मोड में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार मैदान में डटे हुए है और चुनाव में गेमचेंजर के तौर पर देखी जा रही लाड़ली बहना योजना को लेकर जिले-जिले सम्मेलन कर रहे है। मुख्यमंत्री का पूरा फोकस लाड़ली बहना योजना के लिए प्रदेश में 48 फीसदी महिला वोटरों को साधना है। गौरतलब है कि जनवरी में मध्यप्रदेश चुनाव आयोग ने जो नई वोटर लिस्ट जारी की उसमें नए वोटरों में महिलओं ने नए नाम जोड़े है। वहीं प्रदेश की 52 जिलों में 41 जिले ऐसे है जहां पर महिला वोटरों के नाम ज्यादा जुड़े है। प्रदेश में महिला वोटरों की संख्या 7.07 लाख बढ़ी है जबकि नए पुरुष मतादाताओं की संख्या 6.32 लाख बढ़ी है।
मध्यप्रदेश चुनाव में युवाओं वोटरों की बड़ी भूमिका होने जा रही है। युवा वोटर की ताकत को इससे समझा जा सकता कि प्रदेश में 18 से 21 साल के वोटरों की संख्या 30 लाख है। वहीं प्रदेश में 18 से 39 साल के उम्र के युवाओं की संख्या 2.83 करोड़ है जोकि प्रदेश के कुल मतादाओं की संख्या का 52 फीसदी है। चुनाव में युवा वोटरों की इस बड़ी संख्या को साधने के लिए सरकार रोजगार देने पर खासा फोकस कर रही है।
सरकार की ओर से मुख्यमंत्री लगातार दावा कर रहे है कि प्रदेश में युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों के लिए 1 लाख 24 हजार पदों पर भर्तियां कर की जा रही है। वगीं युवाओं को खुद का रोजगार लगाने के लिए मुख्यमंत्री उद्म क्रांति योजना और मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना बनाई गई है। वहीं युवाओं को साधने के लिए पिछले दिनों सरकार ने युवा नीति लाकर कई नए ऐलान किए है। वहीं सरकार मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना जून से प्रदेश में लॉन्च करने जा रही है। जिसमें युवाओं को ट्रैनिंग के दौरान हर महीन 8 हजार रुपए दिए जाएंगे। योजना के लिए एक जून से रजिस्ट्रेशन शुरु होगा और एक जुलाई से पैसा मिलने का दावा किया जा रहा है।
वहीं चुनाव से पहले भाजपा के अंसतुष्ट नेताओं को साधने के लिए सरकार की ओर से इन दिनों निगम मंडलों से लेकर बोर्ड में अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्ति की जा रही है। इसके साथ ही जिलों में प्राधिकरणों में भी भाजपा नेताओं को एडजस्ट किया जा रहा है। जिसमें चुनाव में नेताओं की दावेदारी को कम किया जा सके। चुनाव में भितरघात और कार्यकर्ताओं के नाराजगी से होने वाले डैमेज कंट्रोल को रोकने के लिए उन्हें पदों पर नवाजा जा रहा है।
संगठन का बूथ जीतने पर पूरा फोकस-चुनाव से पहले भाजपा ने जमीनी स्तर पर संगठन का मजबूत करने और कार्यकर्ताओं के रिचार्ज करने के लिए लगातार कार्यक्रम बन रही है। गुरुवार रात को प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई बड़ी बैठक में प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने कहा कि कर्नाटक चुनाव के बाद पूरे देश की नजर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना पर रहेगी। इसलिए चुनाव की दृष्टि से हम तैयारियों में जुटे है। बूथ को मजबूत करने के लिए भाजपा संगठन आगामी 4 से 14 मई तक पूरे प्रदेश में बूथ विजय संकल्प अभियान चलाने जा रही है। जिसमें प्रत्यके विधानसभा में 10 बूथों पर एक कलस्टर का गठन किया जायेगा ओर कलस्टर के सभी कार्यकर्ता अभियान के दौरान आयोजित होने वाले खेल, वैचारिक और पार्टी के निर्धारित कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इसमें जिला, विधानसभा, मंडल और नीचे स्तर तक संचालन समितियां भी बनेगी। हर बूथ से 10 लोग इसमें शामिल होंगे।
बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि बूथ विजय संकल्प अभियान का लक्ष्य चुनाव में 51 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करना है। उन्होंने युवाओं खास नए वोटरों (17 से 19 वर्ष) को पार्टी से जोडने के लिए अभियान चलाने की बात कही। वहीं पार्टी विधानसभा चुनाव में केंद्र की योजनाओं के हितग्राहियों को पार्टी से जोड़ने के लिए मोदी सरकार के 9 वर्ष पूर्ण होने पर 15 मई से 15 जून तक एक महीने का विशेष कार्यक्रम चलाने जा रही है। इस अभियान के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ता घर-घर संपर्क करेंगे और हितग्रागहियों से बात करेंगे।
संघ ने संभाली चुनावी कमान-मध्यप्रदेश में पांचवी बार भाजपा को सत्ता में लाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने चुनावी कमान संभाल ली है। पिछले दिनों इंदौर में संघ की हुई समन्वय बैठक में चुनावी तैयारियों पर विस्तार से चर्चा हुई। विधानसभा चुनाव के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद सहित संघ के अनुषांगिक संगठन के पदाधिकारी शामिल हुए। संघ की इस बैठक में सरकार और संगठन के कामकाज की समीक्षा करने के साथ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश तय किए गए।
संघ मध्यप्रदेश चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है। संघ प्रमुख मोहन भागवत विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए लगातार मध्यप्रदेश आ रहे है। अप्रैल महीने में दो बार संघ प्रमुख मध्यप्रदेश का दौरा कर चुके है। वहीं मार्च के आखिरी में भी संघ प्रमुख मोहन भागवत एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भोपाल पहुंचे थे। विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में संघ प्रमुख मोहन भागवत की प्रदेश में बढ़ती सक्रियता और अलग-अलग अंचलों में कार्यक्रम में शामिल होने को संघ की चुनावी तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। देश की राजनीति से नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण मध्यप्रदेश में संघ किसी भी हालात में 2018 वाली स्थिति नहीं बनने देना चाहता है इसलिए वह प्रदेश में बेहद एक्टिव है।