भोपाल। लोकसभा चुनाव में भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्षी दलों गठबंधन इंडिया अपना पहला शक्ति प्रदर्शन भाजपा के गढ़ माने जाने वाले चुनावी राज्य मध्यप्रदेश में करेगी। बुधवार को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक में यह फैसला किया गया है। NCP प्रमुख शरद पवार के घर हुई समनव्य समिति की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में बड़े-बड़े घपले हुए हैं। उन्होंने बताया कि समन्वय समिति की बैठक में बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दें पर चर्चा हुई और गठबंधन इन मुद्दों को उठाएगा।
अक्टूबर का पहला सप्ताह वह समय होगा जब चुनावी राज्य मध्यप्रदेश में आचार संहिता लगाने वाली होगी। वहीं मध्यप्रदेश में विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) में शामिल समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है। समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने तो अपने उममीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है। ऐसे में जब चुनावी मैदान में यह दोनों पार्टियां कांग्रेस के सामने होगी तब इन पार्टियों के शीर्ष नेता मंच पर एकजुट नजर आएंगे यह बड़ा सवाल है।
मध्यप्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में जुटी है। विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल आम आदमी पार्टी कांग्रेस की तरह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा रखती है, ऐसे में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कैसे एकता के सूत्र में बंधेगी, यह बड़ा सवाल है।
विपक्षी गठबंधन अक्टूबर में भोपाल में प्रस्तावित रैली से पहले ही 18 सितंबर को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत मान 18 सितंबर को रीवा में रैली करने जा रहे है। आम आदमी पार्टी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल की रैली में 1 लाख से ज्यादा लोग शामिल होंगे।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विपक्षी दलों की भोपाल में रैली करने की योजना पर तंज कसते हुए कहा कि भोपाल के ताल में घमंडिया गठबंधन के ताजिए पहली बार में ही विसर्जित हो जाएंगे। देश को भ्रमित करने वाले विपक्षी दल कभी एक साथ नहीं हो सकते,ये बोलते कुछ है,करते कुछ है ।
ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि विंध्य जहां अब तक भाजपा और कांग्रेस आमने सामने होती आई है, वहां पर आम आदमी पार्टी चुनावी मैदान में उतरकर कई सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है। आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश में सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर रखा है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय राजनीति में आने के बाद का चुनावी इतिहास बताता है कि आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने से सीधा नुकसान कांग्रेस को होता है, तब मध्यप्रदेश जहां इंडिया गठबंधन के आकार लेने के बाद उसकी पहली अग्निपरीक्षा है वह कैसे सफल होगी यह बड़ा सवाल है।