Madhya Pradesh Politics : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में एक कार्यक्रम के दौरान लोगों से पूछा है कि क्या उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए और क्या भारतीय जनता पार्टी को फिर से सत्ता में लाया जाना चाहिए?
चौहान ने शुक्रवार को भोपाल से 450 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित डिंडोरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए येसवाल पूछे।
इन सवालों को लेकर चौहान पर निशाना साधते हुए विपक्षी दल कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दबाव बनाने के लिए लोगों से ऐसे सवाल पूछना शुरू कर दिया है, क्योंकि मोदी ने हाल के अपने भाषणों में मुख्यमंत्री के नाम का उल्लेख करना बंद कर दिया है और उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर कर दिया है।
आगामी चुनावों के लिए भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों सहित कई दिग्गज नेताओं को उम्मीदवार बनाया है जिसके बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की योजनाओं को लेकर मध्यप्रदेश के राजनीतिक हलकों में अटकलों का दौर जारी है। चौहान ने कहा, मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि मैं अच्छी सरकार चला रहा हूं या खराब। तो क्या इस सरकार को आगे जारी रहना चाहिए या नहीं? क्या मामा (जैसा कि उन्हें लोकप्रिय रूप से कहा जाता है) को मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं?
उन्होंने जनसभा में मौजूद लोगों से यह भी पूछा कि क्या नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बने रहना चाहिए और क्या भाजपा की (राज्य और केंद्र में) सत्ता बरकरार रहनी चाहिए? रैली में उपस्थित लोगों ने जब इन सभी सवालों का जवाब हां में दिया तो उन्होंने कहा, तो भाइयों और बहनों, आइए संकल्प लें कि जो हमारा सहयोग करेगा, हम उसका समर्थन करेंगे।
चौहान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने कहा कि इससे पता चलता है कि भाजपा की हताशा चरम पर है। उन्होंने सोशल मीडिया मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, मध्य प्रदेश भाजपा में हताशा चरम पर है।
कमलनाथ ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लेना बंद कर दिया और उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर कर दिया। इसके जवाब में प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए पहले तो मुख्यमंत्री ने जनता के बीच यह पूछना शुरू किया कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं लड़ूं और अब सीधे पूछ रहे हैं कि मोदी जी को प्रधानमंत्री बने रहना चाहिए या नहीं।
उन्होंने कहा, पीएम (प्रधानमंत्री) और सीएम (मुख्यमंत्री) की जंग में, भाजपा में जंग होना तय है। जिन्हें टिकट मिला, वे लड़ने को तैयार नहीं हैं और जो टिकट की रेस (दौड़) से बाहर हैं, वे सबसे लड़ते फिर रहे हैं। इससे पहले, प्रियंका गांधी ने गुरुवार को राज्य के धार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि चौहान फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।
उन्होंने कहा था, 'प्रधानमंत्री मोदी जी यहां आते हैं, आजकल वह शिवराज जी का नाम लेने से कतरा रहे हैं, बस अपना नाम ले रहे हैं और लोगों से अपने लिए वोट मांग रहे हैं। अब वह (चौहान) आपके मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं। इस बीच, राज्य के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव ने सागर जिले के अपने निर्वाचन क्षेत्र रहली में एक सभा में कहा कि वह अपना आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं। शनिवार को उनके भाषण का एक वीडियो सामने आया।
आठ बार के विधायक भार्गव ने कहा, मेरे गुरु ने मुझसे एक बार और चुनाव लड़ने के लिए कहा। यह आखिरी चुनाव होगा। मुझे यह भी लगा कि इस चुनाव में किसी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश नहीं किया जा रहा है। यह नहीं बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कौन होगा, मुझे लगा कि उनकी (उनके गुरु की) कोई इच्छा होगी, यह शब्द भगवान की ओर से आया है।
भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि भगवान की कृपा से वह विधायक, कैबिनेट मंत्री और यहां तक कि विपक्ष के नेता भी बने, जो मुख्यमंत्री के बराबर का पद है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर सबसे लंबे समय से काबिज चौहान को हाल ही में सार्वजनिक कार्यक्रमों और रैलियों के दौरान भावुक होते देखा गया है। अपने गृह क्षेत्र बुधनी में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में चौहान ने लोगों से पूछा कि क्या उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं।
बुधनी में मुख्यमंत्री ने महिलाओं से कहा था कि जब वह आसपास नहीं होंगे, तो उन्हें मेरे जैसे भाई की याद आएगी। शुक्रवार को उज्जैन में आयोजित एक कार्यक्रम में चौहान ने कहा कि राजनीति की राह फिसलन भरी है और हर कदम पर फिसलने का डर है। उन्होंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले आध्यात्मिक नेताओं से यह सुनिश्चित करने के लिए आशीर्वाद मांगा कि वह सदाचार के मार्ग पर चलते रहें।
आगामी चुनावों के लिए अपनी उम्मीदवारी को लेकर सार्वजनिक स्वीकृति मांगने वाले हालिया बयानों के बारे में पूछे जाने पर चौहान ने शुक्रवार को भोपाल में कहा था, इसका मतलब है कि हम एक-दूसरे को भाई-बहन मानते हैं। मामा का परिवार, जो राज्य के लोग हैं, इस बात को समझता है। अगर हमें (चुनाव) लड़ना है, तो हम लोगों से पूछकर ही ऐसा करेंगे। उन्होंने कहा, यह एक पारिवारिक रिश्ता है और इसे समझने के लिए गहन अंतर्दृष्टि की जरूरत है।
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल के अंत में चुनाव होने की संभावना है। भाजपा ने 79 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, जिनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और इंदौर के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हैं।
इन सभी राजनीतिक दिग्गजों को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में विजयवर्गीय ने कहा था कि वह केवल विधायक बनने के लिए आगामी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि पार्टी उन्हें कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देगी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)