मार्च 2020 में जिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के चलते भाजपा सत्ता में लौटी थी, उनके गृह जिले ग्वालियर में इस बार भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है। वहीं अंतिम परिणामों में जिले में कांग्रेस भाजपा पर भारी पड़ सकती है। ग्वालियर जिले में कुल 6 विधानसभा सीटें आती है। जिसमें 3 विधानसभा सीटें शहर में आती है और तीन विधानसभा सीटें ग्रामीण इलाकों में आती है। वर्मतान में जिले की 6 विधानसभा सीटों में 4 पर कांग्रेस और 2 पर भाजपा का कब्जा है। ग्वालियर और ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट पर भाजपा के विधायक है दोनों ही विधायक वर्तमान की शिवराज सरकार में मंत्री है। वोटिग के बाद स्थानीय लोगों और सियासत के जानकारों से 'वेबदुनिया' ने जब सियासी नब्ज टटोलने की कोशिश की तो इस बार भाजपा ग्वालियर और ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट जीत सकती है। वहीं जिले की भितरवाद विधानसभा सीट पर कांटे का मुकाबला है। वहीं कांग्रेस ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण औऱ डबरा सीट जीत सकती है।
1-ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा- ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार भारत सिंह कुशवाह जीत सकते है। यहां पर उनका मुकाबला कांग्रेस के साहब सिंह गुर्जर और बसपा के सुरेश बघेल से है। त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा यह सीट जीत सकती है। भारत सिंह कुशवाह शिवराज सरकार में मंत्री उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री है और लगातार दो बार 2013 और 2018 से ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक चुने जा चुके है।
2-ग्वालियर विधानसभा सीट- ग्वालियर विधानसभा सीट पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है और इस बार यहां से भाजपा उम्मीदवार प्रदुमन सिंह तोमर जो शिवराज सरकार में मंत्री है, वह चुनाव जीत सकते है। 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदुमन सिंह तोमर कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे लेकिन मार्च 2020 में वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे, बाद में उपचुनाव में भी प्रदुमन सिंह तोमर ने अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखा था। विधानसभा सभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार प्रदुमन सिंह तोमर का सीधा मुकाबला कांग्रेस के सुशील शर्मा से है।
3-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर वर्तमान में कांग्रेस में कांग्रेस का कब्जा है और मौजूदा विधायक प्रवीण पाठक को इस बार भाजपा के नारायण सिंह कुशवाह चुनौती दे रहे है। चुनाव अनुमान के मुताबिक नजदीकी मुकाबले में कांग्रेस प्रवीण पाठक इस बार भी सीट निकाल सकते है। हलांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से हारने वाले नारायण सिंह कुशवाह ने इस बार पूरी ताकत लगा दी है और अंतिम चुनावी परिणाम चौंका सकते है।
4-भितरवार विधानसभा सीट-भितरवार विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी नतीजा चौंकाने वाला हो सकता है। भितरवार विधानसभा सीट पर पिछले तीन चुनाव बड़े अंतर से जीतने वाले कांग्रेस के लाखन सिंह को इस बार भाजपा ने मोहन सिंह राठौर से तगड़ी चुनौती मिल रही है और यहां पर भाजपा चौंका सकती है।
5-डबरा विधानसभा सीट- डबरा विधानसभा सीट इस बार फिर कांग्रेस के खाते में जा सकती है। इस बार यहां चुनावी मुकाबला भाजपा की इमरती देवी और कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुरेश राजे के बीच है। सिंधिया की साख दांव पर लगने वाली डबरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस इस बार भारी पड़ती दिख रही है। डबरामें 2018 के विधानसभा चुनाव में इमरती देवी चुनाव जीती थी जो ज्योतिरादित्य सिंधिया की कट्टर समर्थक है। ज्योतिरादित्य सिधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद इमरती भाजपा में शामिल हुई और उपचुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था।
6-ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट-ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट पर वर्तमान में कांग्रेस के सतीश सिकरवार का कब्जा है और इस बार यह सीट कांग्रेस के खाते में जाती हुई दिखाई दे रही है। भाजपा ने इस बार ग्वालियर पूर्व से पूर्व मंत्री माया सिंह को चुनावी मैदान में उतारा था लेकिन चुनावी मुकाबले में कांग्रेस के सतीश सिकरवार भारी पड़ते दिखाई दे रहे है।