भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के इस्तीफे की अटकलें लगातार तेज होती जा रही है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ख़ड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कमलनाथ की मुलाकात के दौरान पार्टी आलाकमान ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के निर्देश देते हुए संगठन की कमान नई पीढ़ी के हाथों में सौंपने के निर्देश दिए।
2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने वाले कमलनाथ के चेहरे पर पार्टी ने विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा औऱ पार्टी 166 सीटों पर सिमट गई। ऐसे में अब संगठन के कामकाज पर सवाल उठने लगे है। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई बैठक में पार्टी के कई नेताओं ने पीसीसी के कामकाज पर सवाल उठाने के साथ पार्टी की चुनाव रणनीति को कठघरे में खड़ा किया। पार्टी नेताओं ने चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय और संगठन का सहयोग नहीं होने के आरोप लगाए। बैठक मे पार्टी के मनावर से विधायक हीरालाल अलावा ने पार्टी के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए। उन्होंंने पार्टी को भाजपा और संघ से सीखने की भी सीख भी दे दी।
कमलनाथ का मिशन लोकसभा-कमलनाथ के भले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की अटकलें लगाई जा रही हो लेकिन पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरु कर दी है। मंगलवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में कांग्रेस उम्मीदवारों को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि हम इस चुनाव में हार गये हैं। लेकिन मुझे याद है कि हम 1977 में इससे भी बुरी तरह से हारे थे। उस समय इंदिरा गांधी और संजय गांधी जैसे देश के हमारे शीर्ष नेता भी चुनाव हारे थे। पूरा माहौल कांग्रेस के खिलाफ लगता था, लेकिन हम सभी एकजुट हुये और मैदान में आये। तीन साल बाद हुये चुनाव में 300 से अधिक सीटों के साथ इंदिरा गांधी जी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी, इसी तरह हमें 4 महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाना है और पूरी ताकत के साथ अपनी सरकार बनाना है।